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मध्यकालीन भारत का इतिहास Download
काबुल की सीमित आय भी पंजाब परगना को विजित करने का एक कारण थी। उसका (बाबर) बद खुशां कंधार और काबुल पर था जिनसे सेना की अनिवार्यताएं पूरी करने के लिए भी आय नहीं होती थी। वास्तव में कुछ सीमा प्रांतो पर सेना बनाये रखने और प्रशासन के काम में व्यय आमदनी से ज्यादा था।
सीमित आय साधनो के कारण बाबर अपने बेगों और परिवार के लिए अधिक चीजे उपलब्ध नहीं कर सकता था। उसे काबुल पर उजबेक आक्रमण का भी भय था। वह भारत को बढियां शरण स्थल समझता था।
उसकी दृष्टि में उजबेको के विरुद्ध अभियानों के लिए भी यह अच्छा स्थल था। उत्तर पश्चिम भारत की राजनितिक स्थिति ने बाबर को भारत आने का अवसर प्रदान किया। 1517 में सिकंदर लोदी की मृत्यु हो गयी थी और इब्राहिम लोदी गद्दी पर बैठा था।
एक केंद्राभिमुखी बड़ा सम्राज्य स्थापित करने के इब्राहिम के प्रयत्नों ने अफगानो और राजपूतो दोनों को सावधान कर दिया था। अफगान सरदारों में सर्वाधिक शक्तिशाली सरदार दौलत खां लोदी था जो पंजाब का गवर्नर था। पूरा पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करे।
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