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Adhiktam Safalta Pdf in Hindi Download
पुस्तक का नाम | Adhiktam Safalta Pdf in Hindi |
पुस्तक के लेखक | नेपोलियन हिल |
भाषा | हिंदी |
साइज | 1 Mb |
पृष्ठ | 125 |
फॉर्मेट | |
श्रेणी | व्यक्तित्व विकास |

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सिर्फ पढ़ने के लिये
अंजली के साथ सभी लोग उसके घर आ गए थे। अंजली का घर ठीक-ठाक था। मेहमान लोगो को बैठने के लिए एक बड़ा सा हाल था और उसमे अंजली की बनाई हुई कलाकृति टंगी हुई थी जो बहुत ही सुंदर थी। हाल में सभी लोग बैठे हुए थे।
सरिता ने अपनी मां निशा भारती को इशारा किया तो वह अंजली को गौर से देखने लगी जो उन्हें हर प्रकार से सम्पूर्ण लग रही थी। कुछ समय के बाद बात खत्म होने पर डा. निशा भारती, सरिता, रोशन के साथ ही आगरा के लिए निकल पड़े।
डा. निशा भारती अपने पिता प्रताप भारती को फोन द्वारा सूचित कर चुकी थी कि वह वाराणसी में सरिता की सहेली के पास गयी थी और उन्हें अंजली का व्यवहार बहुत ही सुंदर लगा था। प्रताप भारती सबके नाम की एक चार्ट बनाते जा रहे थे। सुधीर-सरिता, रोशन-अंजली, नरेश-राधा, रजनी-विवेक, प्रताप भारती अपनी योजना के अनुसार ही सारी तैयारी करने में लगे हुए थे।
नरेश और विवेक दोनों प्रताप भारती के साथ बंगलोर आ गए थे। दूसरे दिन प्रताप भारती स्वयं इन दोनों को लेकर कम्पनी में गए। वहां विंदकी और गंगापुर के 80 आदमी भी कार्य में लगे हुए थे बाकी अन्य क्षेत्रो से आये हुए लोग थे। विंदकी और गंगापुर के लोगो को नरेश और विवेक पहचानते थे इसलिए कोई परेशानी नहीं थी।
नरेश और विवेक दोनों कम्पनी के लोगो से घुल मिल गए और वहां का सारा कार्य भार संभाल लिया था। प्रताप भारती ने अब कम्पनी में जाना कम कर दिया था। दस-पंद्रह दिन में एकाध बार कम्पनी में चले जाते थे और व्यवस्था देखकर पूर्ण संतुष्ट थे।
बंगलोर में राधा गारमेंट नाम की एक बहुत बड़ी कम्पनी थी। इस कम्पनी की तीन शाखा थी इन तीनो शाखाओ का पूरा तैयार हुआ माल प्रताप भारती की कम्पनी में ही धोने और प्रेस करने के लिए आता रहता था। इस कम्पनी का मालिक अंकुर राठौर था जो गुजरात के बनास कांठा का रहने वाला था।
उसकी चार पीढ़ियों से लोग बंगलोर में रहते थे और सभी लोग अलग-अलग व्यवसाय में पूरी तरह से जुड़े हुए थे। अक्सर देखा जाता है कि बहुत ज्यादा धनवान व्यक्तियों का परिवार बहुत ही सिमित होता है एकाध लोग ही अपवाद होते है।
अंकुर राठौर की एक ही लड़की थी। उसका नाम राधा था और उसके नाम से ही वह कम्पनी चल रही थी। प्रताप भारती और अंकुर राठौर दोनों में समानता थी क्योंकि प्रताप भारती के पास भी एक ही लड़की थी और अंकुर राठौर के पास भी एक ही लड़की थी।
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