Andha Yug Pdf | अंधा युग Pdf Download

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Andha Yug Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Andha Yug Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से Charitraheen Novel in Hindi Pdf कर सकते हैं।

 

 

 

Andha Yug Pdf download 

 

 

 

इनका जन्म इलाहाबाद के अतरसुइया मुहल्ले में 25 दिसंबर 1926 को चिरंजी लाल वर्मा तथा चंदा देवी के सुपुत्र के रूप में हुआ था। धर्मवीर भारती के व्यक्तित्व और प्रारंभिक रचनाओं पर पंडित माखन लाल चतुर्वेदी काव्य संस्कारो का काफी प्रभाव पड़ा था।

 

 

 

धर्मवीर भारती ने प्रयाग विश्वविद्यालय में अध्यापन के दौरान ‘हिंदी साहित्य कोष’ के संपादन में सहयोग दिया था। वह आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि और सामाजिक विचारक के साथ नाटककार भी थे। इनके द्वारा लिखित पहले उपन्यास ‘गुनाहो का देवता’ को बहुत प्रसिद्धि प्राप्त हुई थी। इन्होने ‘आलोचना’ पत्रिका का संपादन भी किया था। उसके पश्चात उन्होंने प्रख्यात सप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ का बहुत कुशलता के साथ संपादक पद का संचालन किया।

 

 

 

 

Andha Yug Pdf
Andha Yug Pdf यहां से डाउनलोड करे।

 

 

 

Keshav Pandit novel in Hindi Pdf
बेटी हूँ चंगेज खान की हिंदी नॉवेल यहां से डाउनलोड करे।

 

 

 

 

 

 

 

 

Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।

 

 

 

यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।

 

 

 

सिर्फ पढ़ने के लिए

 

 

 

पीपल के तने पर कई जगह ऐसे निशान थे जिनसे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसे क्षति पहुंची है। मिलन के पास स्वर्ण अंगूठी, मत्स्य पत्थर, चंदन की लकड़ी का टुकड़ा की शक्तियां थी। उन सबके प्रयास से मिलन पीपल के तने को स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ से भर दिया था और खुद आश्रम के पीछे जाकर छिप गया।

 

 

 

 

वही से प्रबोध महाराज के जागने की प्रतीक्षा करने लगा। प्रबोध महाराज की निद्रा टूट चुकी थी। वह भूख के आवेग को सहन नहीं कर सके तुरंत ही वह पीपल के पेड़ को खाने के लिए दौड़ पड़े। उन्हें आज पीपल का तना बहुत स्वादिष्ट लग रहा था।

 

 

 

 

अपनी उदर पूर्ति के बाद प्रबोध महाराज ने आश्रम को देखा उन्हें बहुत संतुष्टि प्रदान हुई क्योंकि इसके पहले जागने पर आश्रम का सारा कार्य उन्हें ही करना पड़ता था लेकिन आज प्रबोध महाराज की उदर पूर्ति भी हुई तथा आश्रम का कायाकल्प भी हो गया था।

 

 

 

 

प्रबोध महाराज बहुत प्रसन्न थे। उन्होंने आश्रम में बैठते हुए कहा – जो कोई भी यहां पर है मैं उसकी सेवा से अति प्रसन्न हूँ वह हमारे सामने आकर अपनी इच्छित वस्तु मांग सकता है। प्रबोध महाराज की बात सुनकर मिलन उनके सामने आ गया और महात्मा के चरणों पर गिरकर दंडवत प्रणाम करने लगा।

 

 

 

 

प्रबोध महाराज ने मिलन को उठाया और पूछा – वत्स! तुम कौन हो? तुम्हे क्या चाहिए? मिलन प्रबोध महाराज से बोला – मुझे सुमन परी चाहिए। इतना कहकर मिलन अपना दाहिना हाथ प्रबोध महाराज के सामने फैला दिया। प्रबोध महाराज मिलन के हाथो में दिव्य दिव्य स्वर्ण अंगूठी देखते ही बोले – क्या यह अंगूठी तुम्हे पुनीत महाराज से प्राप्त हुई है?

 

 

 

 

मिलन बोला – हां महाराज! यह दिव्य अंगूठी मुझे पुनीत महाराज ने ही प्रदान किया और बोले – तुम हमारे गुरु के पास चले जाओ वही से तुम्हे सहायता मिलेगी। प्रबोध महाराज बोले – वत्स! पुनीत हमारा प्रिय और श्रेष्ठ शिष्य है उसके प्रयास से मैं तुम्हे अवश्य ही सहायता प्रदान करूँगा।

 

 

 

 

प्रबोध महाराज ने पत्थर का छोटा कछुआ मिलन को प्रदान करते हुए बोले – वत्स! यह पत्थर का बना हुआ कछुआ अपने पास रख लो यह तुम्हे हर प्रकार की विपत्तियों से सुरक्षा प्रदान करेगा। वैसे तो जितने मिंत्र सिद्ध यंत्र तुम्हारे पास है वही सभी शक्ति से पूर्ण है।

 

 

 

 

इसकी शक्ति का प्रभाव तुम्हे समय आने पर ज्ञात होगा अब तुम यहां से पूर्व दिशा की तरफ चले जाओ वही से तुम्हारी यात्रा शुरू हो जाएगी जो अंततः परी को प्राप्त करने के बाद ही समाप्त होगी। मिलन प्रबोध महाराज से वह पत्थर का कछुआ लेकर अपने पास रख लिया फिर पूर्व दिशा की तरफ प्रस्थान कर गया।

 

 

 

 

घने जंगल में चलते हुए मिलन को बहुत देर के बाद एक चमकीली रोशनी दिखाई पड़ी। वह रोशनी शनैः शनैः मिलन के करीब आती जा रही थी। शाम होते होते मिलन उसके नजदीक पहुँच गया और देखा वह चमकीली वस्तु एक बहुत बड़ा शीशे का दरवाजा था।

 

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Andha Yug Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Andha Yug Pdf Download की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

Leave a Comment