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Anil Mohan Novel Hindi Pdf
अच्छा नरेश यह बताओ नाम लिखवाने के लिए कौन सा स्कूल अच्छा रहेगा। कस्तूरबा इंटर कॉलेज या टैगोर इंटर कॉलेज। इन दोनों विद्यालय पर ही पढ़ाई बहुत बढ़िया होती है अन्य सुविधाएं भी है।
प्रताप भारती को बंगलोर से आये हुए चार दिन हो गए थे। उन्हें अपनी लड़की डा. निशा भारती से आगरा मिलते हुए ही बंगलोर जाना था। वह रघुराज सोनकर से बोले आपने हमारे बातो का जवाब नहीं दिया रघु भाई। रघु बोला – आपके विचार तो बहुत उच्च कोटि के है और मैं उसमे कुछ योगदान दे सकूँ तो यह मेरा अहोभाग्य होगा।
ठीक है आप यह कार्य आज से ही शुरू कर दे सात महीने के बाद मैं फिर आऊंगा तब सरोज सेवा केंद्र का रजिस्ट्रेशन करवा दूंगा। कानून के तौर पर भी आपके ऊपर कोई अड़चन नहीं रहेगी और मैं अभी आपको चालीस हजार रुपया दे रहा हूँ। आप अपना कार्य आज से ही शुरू कर दीजिए।
पढ़ाई पर विशेष ध्यान होगा। आपको यह देखना होगा कि पैसे के अभाव में या भोजन, वस्त्र के अभाव में कोई बालक या बालिका पढ़ाई से वंचित न रहने पावे और भी अन्य जो आपको उचित लगे वह आप करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।
इतना कहकर प्रताप आगरा जाने वाली बस में सवार हो गए जो उन्हें वाराणसी होते हुए आगरा पहुंचाने वाली थी। प्रताप के जाने के बाद रघुराज सोनकर सोचता ही रह गया क्या दुनियां में ऐसे लोग भी है। वह प्रताप को छोड़कर धीरे-धीरे घर की ओर चला जा रहा था।
उसके पास प्रताप का दिया हुआ चालीस हजार रूपया था। अब रघुराज घर आ गया था और कंचन को सारी बात बताने के बाद चालीस हजार रुपया उसके सामने रख दिया। तभी कंचन के मन में नरेश की पढ़ाई को लेकर ख्याल आ गया जो आर्थिक अभाव में दसवीं की बाद खत्म होने वाली थी।
कंचन ने रघु से कहा – सुधीर के बापू मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूँ। हां पूछो क्या पूछना चाहती हो रघु ने कहा – कंचन बोली वह नरेश है ना विवेक का दोस्त नरेश प्रजापति, उसकी पढ़ाई आर्थिक अभाव में दसवीं कक्षा के बाद समाप्त होने वाली है क्यों न हम नेक काम वही से शुरू कर दे।
रघु बोला – विचार तो अति उत्तम है लेकिन मैं यह शुभ कार्य हनुमान मंदिर से शुरू करने वाला था वहां जो भी श्रद्धालु आते है उनके लिए चाय पानी और अल्पाहार की निःशुल्क व्यवस्था करना होगा। कंचन बोली ठीक है यह शुभ कार्य आज ही हनुमान मंदिर से शुरु कर दीजिए।
अनिल मोहन उपन्यास Pdf Download





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धन्यवाद
आपका
श्रीकांत द्विवेदी
R/sir
Mujhe Arjun bhardwaj ka Daroga novel chahiye hai, kya wo mil sakta hai