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Anne Frank diary in Hindi Pdf Download


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सिर्फ पढ़ने के लिए
कुछ समय के बाद रवि-रंजन वहां से गायब हो गए। हरी बोले – महाराज जयंत! आप हमे जाने की आज्ञा दे हम लोग अपने घर जायेंगे। राजा जयंत बोले – मैं आपसे शर्त हार चुका हूँ। यह सारा राज्य और यहां की सारी धन सम्पदा आपकी है। अब जो उचित लगे वह करने के लिए आप स्वतंत्र है।
हरी प्रजापति ने कहा – हमे आपका कुछ भी नहीं चाहिए मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि भविष्य में आप चाटुकारो की बातो से हमेशा सावधान रहना। अदृश्य परी सुमन से मिलन बोला – तुम राजा जयंत के राज्य की स्थिति को पहले की तरह सामान्य कर दो।
कुछ क्षण के उपरांत जयंत के राज्य की स्थिति पहले की तरह सामान्य हो गयी लेकिन दीनू अपने इस अपमान का बदला लेने के व्यग्र हो उठा। दीनू मिलन से बदला लेने के लिए दिन रात व्यग्र रहने लगा। वह घूमते हुए राज्य के दक्षिण तरफ चला गया।
राज्य के दक्षिण में एक घनघोर जंगल था। वह राजा के साथ प्रायः इस जंगल में आता रहता था। इस बार दीनू का उद्येश्य कुछ अलग था। जंगल में घूमते हुए उसने एक आश्रम देखा जो नदी के दूसरे किनारे पर बना हुआ था। दीनू नदी के ऊपर बने हुए पुल से दूसरी तरफ बने हुए आश्रम के पास पहुँच गया।
उसने देखा आश्रम में एक तपस्वी अपनी तप साधना में लीन थे। दीनू वही बैठ गया। कुछ समय के बाद तपस्वी ने आँखे खोली तब दीनू उनके चरणों में लोट गया। तपस्वी ने दीनू को उठाया और आशीर्वाद दिया फिर पूछा – बेटा! तुम इतने परेशान क्यों हो?
दीनू बोला – महात्मा जी! हमारी परेशानी का सारा कारण हरी प्रजापति का पुत्र मिलन है उसके बाद दीनू सब बातें तपस्वी को विस्तार से बता दिया। तपस्वी ने कुछ पल के लिए अपनी आँखों को मूंद लिया तब उनके सामने सभी बातें एक-एक करके स्पष्ट होने लगी।
तपस्वी ने आँखे खोली और दीनू से कहा – इसमें तो हमे कोई परेशानी का कारण नहीं मालूम होता है। दीनू तपस्वी से बोला – महात्मा जी! उस मिलन के पास कोई ऐसी शक्ति है जिसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता है उसी अदृश्य शक्ति के कारण ही हमारा अपमान हुआ है।
महात्मा को सारी बातें ज्ञात हो चुकी थी। वह दीनू से बोले – जिस प्रकार से तुमने अपनी चालाकी से हरी और मिलन के अपमान की योजना बनाई थी अगर उन लोगो को अदृश्य शक्ति का सहारा नहीं मिलता तब विशेष रूप से हरी का अपमान करने के अपने प्रयास में अवश्य ही सफल हो जाते।
लेकिन तुम्हारा अंतःकरण शुद्ध नहीं था इस कारण से ही तुम्हे अपमान सहना पड़ा लेकिन तुम यहां आने का अपना उद्देश्य बताओ। दीनू बोला – हमारा उद्देश्य मिलन को उस अदृश्य शक्ति की सहायता से वंचित करना है क्या आप ऐसा कर सकते है?
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