Anushthan Prakash Pdf Hindi | अनुष्ठान प्रकाश Pdf Download

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क्रमशः परिक्रमा और नमस्कार करने से भी शिव लिंग शिव पद की प्राप्ति कराने वाला होता है। यदि नियम पूर्वक शिव लिंग का दर्शन मात्र कर लिया जाय तो वह भी कल्याणप्रद होता है। मिट्टी, गाय के गोबर, आटा, कनेर पुष्प, गुड़, फल, फूल, भस्म, मक्खन अथवा अन्न से भी अपनी रूचि के अनुसार शिव लिंग बनाकर तदनुसार उसका पूजन करे अथवा हर रोज दस हजार प्रणव मंत्र का जप करे अथवा दोनों संध्याओ के समय एक-एक सहस्र प्रणव का जप किया करे।

 

 

 

 

यह क्रम भी शिव पद की प्राप्ति कराने वाला है ऐसा जानना चाहिए। जपकाल में मकारांत प्रणव का उच्चारण मन की शुद्धि करने वाला होता है। समाधि में मानसिक जप का विधान है तथा अन्य सब समय भी उपांशु जप ही करना चाहिए।

 

 

 

 

नाद और बिंदु से युक्त ओंकार के उच्चारण को विद्वान पुरुष समानप्रणव कहते है। यदि प्रतिदिन आदर पूर्वक दस हजार पंचाक्षर मंत्र का जप किया जाए अथवा दोनों संध्याओं के समय एक-एक सहस्र का ही जप किया जाय तो उसे शिव पद की प्राप्ति कराने वाला समझना चाहिए।

 

 

 

 

ब्राह्मणो के लिए आदि में प्रणव से युक्त पंचाक्षर मंत्र अच्छा बताया गया है। कलश से किया हुआ खान, मंत्र की दीक्षा मातृकाओं का न्यास सत्य से पवित्र अंतःकरण वाला ब्राह्मण तथा ज्ञानी गुरु इन सबको उत्तम माना गया है। द्विजो के लिए नमः शिवाय के उच्चारण का विधान है।

 

 

 

 

द्विजेतरो के लिए अंत में नमः पद के प्रयोग की विधि है अर्थात वे शिवाय नमः इस मंत्र का उच्चारण करे। स्त्रियों के लिए भी कही-कही विधिपूर्वक नमोSन्त उच्चारण का ही विधान है अर्थात वे भी शिवाय नमः का ही जप करे। कोई कोई ऋषि ब्राह्मण की स्त्रियों के लिए नमः पूर्वक शिवाय के जप की अनुमति देते है अर्थात वे नमः शिवाय का जप करे।

 

 

 

 

पंचाक्षर मंत्र का पांच करोड़ जप करके मनुष्य भगवान सदा शिव के समान हो जाता है। एक, दो, तीन अथवा चार करोड़ का जप करने से क्रमशः ब्रह्मा, रूद्र, विष्णु तथा महेश्वर का पद प्राप्त होता है। अथवा मंत्र में जितने भी अक्षर है उनका पृथक-पृथक एक-एक लाख जप करे अथवा समस्त अक्षरों का एक साथ ही जितने अक्षर हो उतने लाख जप करे।

 

 

 

 

इस तरह के जप को शिव पद की प्राप्ति कराने वाला समझना चाहिए। यदि एक हजार दिनों में प्रतिदिन एक सहस्र जप के क्रम से पंचाक्षर मंत्र का दस लाख जप पूरा कर लिया जाय और हर रोज ब्राह्मण भोजन कराया जाय तो उस मंत्र से अभीष्ट कार्य की सिद्धि होने लगती है।

 

 

 

 

ब्राह्मण को चाहिए कि वह हर रोज प्रातःकाल एक हजार बार गायत्री मंत्र का जप करे। ऐसा होने पर गायत्री क्रमशः शिव का पद प्रदान करने वाली होती है। वेद मंत्रो और वैदिक सूक्तो का भी नियमपूर्वक जप करना चाहिए। वेदो का पारायण भी शिव पद की प्राप्ति कराने वाला है। ऐसा जानना चाहिए।

 

 

 

 

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1 thought on “Anushthan Prakash Pdf Hindi | अनुष्ठान प्रकाश Pdf Download”

  1. अनुष्ठान प्रकाश ग्रंथ की हिंदी भाषा पीडीएफ उपलब्ध कराने की कृपा करें

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