Bharatiya Gudh Vidya Pdf / भारतीय गूढ़ विद्या Pdf Download

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Bharatiya Gudh Vidya Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Bharatiya Gudh Vidya Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से 5 + रहस्यमयी प्राचीन तंत्र विद्या Pdf भी पढ़ सकते हैं।

 

 

 

 

Bharatiya Gudh Vidya Pdf 

 

 

 

Bharatiya Gudh Vidya Pdf
भारतीय गूढ़ विद्या पीडीऍफ़ डाउनलोड 

 

 

 

ताबीज बनाने की किताब Pdf Download

 

 

 

 

 

 

 

सिर्फ पढ़ने के लिए

 

 

 

जान पड़ता है यह मुर्ख हमारा भेद लेने आया है। इसलिए मुझे तो यही अच्छा लगता है इसे बांधकर रखा जाय। श्री राम जी ने कहा – हे मित्र! तुमने नीति तो अच्छी विचारी है परन्तु मेरा प्रण है शरणागत के भय को हर लेना।

 

 

 

प्रभु के वचन सुनकर हनुमान जी हर्षित हुए और अपने मन में कहने लगे कि भगवान तो शरण में आये हुए पर पिता के समान प्रेम करने वाले शरणागत वत्सल है।

 

 

 

 

43- दोहा का अर्थ-

 

 

 

श्री राम जी फिर बोले – जो मनुष्य अपने अहित का अनुमान करके शरण में आये हुए का त्याग कर देते है वह पामर है, पापमय है, उन्हें देखने में हानि और पाप लगता है।

 

 

 

 

चौपाई का अर्थ-

 

 

 

जिसे कोटि ब्राह्मणो का पाप लगा  हो, शरण में आने पर मैं उसे भी नहीं त्यागता। .जीव ज्यों ही मेरे सम्मुख होता है त्यों ही उसके कोटिक जन्मो के पाप नष्ट हो जाते है।

 

 

 

पापी का यह सहज स्वभाव होता है कि मेरा भजन उसे कभी नहीं सुहाता है। यदि वह रावण का भाई निश्चय ही दुष्ट हृदय का होता तो क्या वह मेरे सम्मुख आ सकता था?

 

 

 

जिस मनुष्य का मन निर्मल होता है वही मुझे प्राप्त कर सकता है। मुझे कपट और छल, छिद्र नहीं सुहाते। यदि उसे रावण ने भेद लेने के लिए पठाया है तो भी हे सुग्रीव! हमे कुछ भय और हानि नहीं है।

 

 

 

 

क्योंकि हे सखे! जगत में जितने भी राक्षस है लक्ष्मण क्षण भर में उनका संहार कर सकते है। यदि वह भयभीत होकर मेरी शरण में आया है तो मैं उसे प्राणो की तरह से रखूंगा।

 

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Bharatiya Gudh Vidya Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और इस तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

 

Leave a Comment