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Bharatiya Jyotish Vigyan Pdf / भारतीय ज्योतिष विज्ञान पीडीएफ
पुस्तक का नाम | भारतीय ज्योतिष विज्ञान |
पुस्तक के लेखक | रविंद्र कुमार |
पुस्तक की भाषा | हिंदी |
फॉर्मेट | |
कुल पृष्ठ | 134 |
साइज | 3.97 MB |
श्रेणी | ज्योतिष |
भारतीय ज्योतिष विज्ञान Pdf Download
सिर्फ पढ़ने के लिए
अंगद का बल देखकर सब हृदय में हार गए। तब अंगद के कहने पर रावण स्वयं उठा। जब वह अंगद का चरण पकड़ने लगा तब बालि कुमार अंगद ने कहा मेरा चरण पकड़ने से तेरा बचाव नहीं होगा।
अरे मुर्ख! तू जाकर श्री राम जी के चरण क्यों नहीं पकड़ता? यह सुनकर वह मन में बहुत ही सकुचा कर लौट गया। उसकी सारी श्री जाती रही। वह ऐसा तेजहीन हो गया जैसे मध्यान्ह में चन्द्रमा दिखाई देता है।
वह सिर नीचा करके सिंहासन पर जा बैठा। मानो सारी सम्पत्ति गवां कर बैठा हो। श्री राम जी सारे जगत की आत्मा और प्राणो के स्वामी है। उनसे विमुख रहने वाला शांति कैसे प्राप्त कर सकता है?
शिव जी कहते है हे उमा! जिन श्री राम जी के भ्रू विलास से विश्व की उत्पत्ति होती है और नाश होता है। कहो, उनके दूत का प्रण कैसे टल सकता है?
फिर अंगद ने अनेक प्रकार से नीति कही। पर रावण ने नहीं माना क्योंकि उसका काल निकट आ गया था। शत्रु के गर्व को चूर करके अंगद ने उसको श्री राम जी का सुयश सुनाया और फिर वह राजा बालि का पुत्र यह कहकर चल दिया।
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