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Bhasha Vigyan Pdf Book Hindi
इस पुस्तक के बारे में——
इधर कुछ लोगो ने भाषाविज्ञान और भाषाशास्त्र में अंतर करते हुए आधुनिक भाषाविज्ञान के लिए भाषाशास्त्र नाम को उपयुक्त माना है। डा. उदयनारायण तिवारी लिखते है कि अमेरिका में फिलालोजी शब्द (भाषाविज्ञान) का व्यवहार प्राचीन भाषा तथा साहित्य एवं शिलालेखों की भाषा के अध्ययन के संदर्भ में किया जाता है।
दूसरे शब्दों में फिलालोजी के अंतर्गत प्राचीन भाषा सामाग्री का विश्लेषण किया जाता है और लिंग्विस्टिक्स (भाषाशास्त्र) के अंतर्गत आधुनिक जीवित भाषाओ एवं बोलियों का अध्ययन प्रस्तुत किया जाता है। इसके अंतर्गत केवल कथ्य भाषा की ही व्याख्या की जाती है।
साहित्य की लिखित भाषा सामाग्री की व्याख्या प्रस्तुत करना इस विषय की सीमा के बाहर है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते है कि लिंग्विस्टिक्स भाषा के यथातथ्य के रूप का अध्ययन करता है आदर्श रूप का नहीं। इस संबंध में मुझे निम्लिखित बाते कहनी है।
यह बात अपने आप में अजीब सी लगती है कि पुरानी भाषा का अध्ययन विश्लेषण करना हो तो हम भाषा वैज्ञानिक अध्ययन कहे और आधुनिक भाषा अध्ययन का विश्लेषण करना हो तो भाषा शास्त्रीय अध्ययन कहे। अध्ययन विश्लेषण की किसी भी शाखा में इस प्रकार का अंतर बहुत सार्थक नहीं कहा जा सकता।
पुस्तक का नाम | भाषा विज्ञान बुक Pdf |
पुस्तक के लेखक | भोलानाथ तिवारी |
पेज | 588 |
साइज | 18.9 Mb |
भाषा | हिंदी |
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