वृहद पराशर होरा शास्त्र Pdf | Barihad Parashar Hora Shastra Pdf

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Brihad Parashar Hora Shastra Pdf 

 

 

 

 

 

 

महर्षि पराशर के बारे में 

 

 

 

पराशर बाष्कल और याज्ञवल्क्य के शिष्य थे। उनके पिता का नाम शक्ति मुनि और माता का नाम अद्यशंती था। ऋग्वेद के मंत्र द्रष्टा और गायत्री मंत्र के महान साधक सप्त ऋषियों में से एक महान वेदज्ञ, ज्योतिषाचार्य, स्मृतिकार एवं ब्रह्मज्ञानी महर्षि के पौत्र थे।

 

 

 

 

ऋषि पराशर ने निषादराज की कन्या सत्यवती के साथ उसकी कुंवारी अवस्था में समागम किया था जिसके चलते महाभारत के लेखक वेदव्यास का जन्म हुआ था। एक दिन शक्ति एकायन मार्ग द्वारा पूर्व दिशा की ओर आ रहे थे। राजा कल्माषपाद पश्चिम दिशा उसी रास्ते पर आ रहे थे।

 

 

 

 

वह रास्ता इतना संकरा था कि उसमे से केवल एक व्यक्ति ही निकल सकता था अतः वहां से एक व्यक्ति को पीछे हटना आवश्यक था। राजा कल्माषपाद को राजा होने का अहंकार था और शक्ति मुनि को अपने ऋषि होने का अभिमान था। राजा से ऋषि तो स्वाभाविक ही श्रेष्ठ होता है, यहां राजा को ऋषि के लिए मार्ग देना चाहिए था।

 

 

 

 

लेकिन राजा ने राजमद चूर हटना तो दूर उलटे ऋषि को कोड़ो से मारने लगा। राजा का यह कर्म राक्षसों जैसा था अतः शक्ति मुनि ने राजा को राक्षस होने का शाप दे दिया।

 

 

 

शक्ति मुनि के शाप से राजा कल्माषपाद राक्षस हो गए। राजा जब राक्षस हो गए तो उन्होंने अपना प्रथम ग्रास शक्ति मुनि को ही बनाया और ऋषि मुनि की जीवन लीला समाप्त हो गयी।

 

 

 

 

यह बात जब पराशर ऋषि को ज्ञात हुई तो उन्होंने राक्षसों के समूल नाश हेतु राक्षस सत्र यज्ञ प्रारंभ किया। उस यज्ञ में एक-एक करके कई राक्षस खींचे हुए चले आ रहे थे और यज्ञ कुंड में भस्म होते जा रहे थे।

 

 

 

कई राक्षस स्वाहा होते जा रहे थे। ऐसे में महर्षि पुलत्स्य ने पराशर ऋषि के पास पहुंचकर उनसे यह यज्ञ रोकने की प्रार्थना करते हुए उन्हें अहिंसा का उपदेश भी दिया।

 

 

 

 

उन्होंने समझा कि बिना किसी दोष के समस्त राक्षसों का संहार करना अनुचित है। पराशर मुनि के पुत्र वेदव्यास ने भी पराशर से इस यज्ञ को रोकने के लिए प्रार्थना किया। पुलत्स्य तथा व्यास की प्रार्थना के बाद उन्होंने यह राक्षस सत्र यज्ञ की पूर्णाहुति देकर रोक दिया।

 

 

 

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पाल्ममिस्ट्री अर्थात हस्तरेखा ज्ञान के माध्यम से भविष्य देखा जाता है। मनुष्य के हाथो में बहुत कुछ छुपा होता है। रेखाए सच में बोलती है।

 

 

 

वो बताती है भविष्य के बारे में। हस्तरेखा के माध्यम से भविष्य देखा जा सकता है। भविष्य में क्या है, सही या गलत, शुभ या अशुभ हर चीजो की जानकारी हस्तरेखा से होता है। उंगलियों की बनावट, पर्वत, अन्य विशेष चिन्हो, रेखाओ के माध्यम से हस्तरेखा ज्योतिष विज्ञान चलता है।

 

 

 

पुस्तक का नाम बृहद पराशर होरा शास्त्र
पुस्तक के लेखक ऋषि पराशर
भाषा हिंदी
फॉर्मेट PDF
कुल पृष्ठ 634
साइज 12 MB
श्रेणी ज्योतिष

 

 

 

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