नमस्कार दोस्तों, आज के पोस्ट में हम Chamatkari Kundalini Shakti Pdf के बारे में जानेंगे और आप Chamatkari Kundalini Shakti Pdf को नीचे दी गयी लिंक से DOWNLOAD कर सकते है साथ ही आप 2011 Janganana List Pdf Hindi को भी डाउनलोड कर सकते है।
Chamatkari Kundalini Shakti Pdf
कुंडलिनी के निवास स्थान के बारे में एक सर्वमान्य और निश्चित मत यह है कि यह मूलाधार चक्र में आसीन है। प्रत्येक व्यक्ति का शरीर उसके उसके अपने अंगुल से 96 अंगुल होता है। मूलाधार चक्र इस शरीर यष्टि के मध्य में अर्थात 48वे अंगुल पर है। योगी या साधक जब इस शक्ति को जगा देता है तब कुंडल खुल जाते है।
बंधन कटने लगते है और उर्ध्वागति आरंभ हो जाती है। ऋग्वेद में इस शक्ति को ‘वाक्’ कहा गया है। ऋग्वेद के एक मंत्र में इस शक्ति ने अपना परिचय देते हुए कहा है – “मैं रुद्रों, वसुओं और आदित्यों के साथ विहार करती हूँ। वरुण, मित्र, इंद्र, अग्नि आदि को मैं ही उठाये हुए हूँ।”
कुंडलिनी शक्ति को कुंडलिनी, भुजंगिनी, सर्पिणी, प्रचन्डशक्ति, मूलाधार निवासिनी, वलयाकार सर्पिणी, विद्युत, अग्निमय, मुक्तशक्ति, महादेवी, सप्तचक्र भेदिनी, विश्वशक्ति, विद्युत् प्रवाह रूपिणी, सर्व सौंदर्य शालिनी, सर्व सुख दायिनी, कुंडले, अपराजिता, विषतंतुस्वरूपा, मूलविद्या, कुटिलरूपिणी, नवशक्ति समन्विता, शक्तिचालिता, अधोमुख सर्पिणी, कुंडलिनी आदि नामों से संबोधित किया गया है।
तंत्र में इसे ‘वागेश्वरी’ कहा गया है। “स्वर की उत्स, हे कुंडली तुम्ही हो (पंचाष्टवी)।” ऋग्वेद में यह वाग्देवी स्वयं को घोषित करती है मैं जिसे चाहती हूँ उसे महान शक्तिशाली, संत, ऋषि और ब्रह्म बना देती हूँ। अपना परिचय देते हुए वैदिक मंत्र में वाग्देवी (कुंडली) ने आगे कहा है। इस किताब को पूरा पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर करे।
पुस्तक का नाम | चमत्कारी कुंडलिनी शक्ति ध्यान योग |
भाषा | हिंदी |
साइज | 71.8 Mb |
पृष्ठ | 229 |
लेखक | — |
Chamatkari Kundalini Shakti Pdf Download
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