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Commentary On Indian History PDF
अठरहवी शताब्दी में भारत में एकरूप संगठन का विकास नहीं हो सका और भारत का राजनीतिक ढांचा भी अस्थिर बना रहा। इसका मुख्य कारण भारत की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दशा थी। अठारहवीं सदी में भारत में अनेक क्षेत्रीय राज्यों का विकास हुआ जिनमे बंगाल, अवध, मैसूर हैदराबाद और मराठा राज्य प्रमुख थे।
हैदराबाद राज्य की स्थापना निजाम उल मुल्क आसफ जाह ने 1724 ई. में की थी। उसने केंद्रीय सरकार से अपनी स्वतन्त्रता की घोषणा कभी खुलेआम नहीं की लेकिन उसने व्यवहार में स्वतंत्र शासक के रूप में काम किया। कर्नाटक का नवाब भी लगभग स्वतंत्र ही था।
740 ई. के बाद कर्नाटक की स्थिति नवाबी के लिए निरंतर संघर्षो के कारण बिगड़ी और इससे यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियो को भारतीय राजनीति में हस्तक्षेप करने का मौका मिला। केंद्रीय सत्ता की बढ़ती हुई कमजोरी का लाभ उठाकर मुर्शिद अली खां ने बंगाल में स्वतंत्र सत्ता की स्थापना की।
बंगाल के नवाबो ने विदेशी व्यापारिक कंपनियां और उनके नौकरो पर कड़ा नियंत्रण रखा तथा उन्हें अपने विशेषाधिकारों का दुरुपयोग नहीं करने दिया। उन्होंने अंगरेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी के नौकरो को देश के कानूनों का पालन करने और अन्य व्यापारियों के बराबर सीमा शुल्क देने के लिए मजबूर किया। डाउनलोड करने के लिए नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करे।
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