मित्रों इस पोस्ट में Do Bailon Ki Katha Hindi PDF दिया जा रहा है। आप नीचे की लिंक से Do Bailon Ki Katha Hindi PDF Download कर सकते हैं और आप यहां से Gita Pravachan Vinoba Hindi PDF Download कर सकते हैं।
Do Bailon Ki Katha PDF
संयोग की बात, झूरी ने एक बार गोई को ससुराल भेज दिया। बैलो को क्या मालूम वे क्यों भेजे जा रहे है समझे मालिक ने हमे बेच दिया। अपने यों बेचा जाना उन्हें अच्छा लगा या बुरा कौन जाने पर झूरी के साले गया के घर तक गोई ले जाने में दांतो पीसना आ गया।
पीछे से हांकता तो दाए बाए भागते पगहिया पकड़कर आगे से खींचता तो दोनों पीछे को जोर लगाते। मारता तो दोनों सींग नीचे करके हुंकारते। अगर ईश्वर ने उन्हें वाणी दी होती तो झूरी से पूछते तुम हम गरीबो को क्यों निकाल रहे हो? हमने तो तुम्हारी सेवा करने में कोई कसर नहीं उठा रखी।
अगर इतनी मेहनत से काम न चलता था और काम ले लेते। हमे तो तुम्हारी चाकरी में मर जाना कबूल था। हमने कभी दाने चारे की शिकायत नहीं की। तुमने जो कुछ खिलाया सिर झुकाकर खा लिया। फिर तुमने हमसे इस जालिम के हाथ क्यों बेच दिया।
संध्या समय दोनों बैल अपने नए स्थान पर पहुंचे। दिन भर के भूखे थे लेकिन जब नांद में लगाए गए तो एक ने भी उसमे मुंह न डाला। दिल भारी हो रहा था। जिसे उन्होंने अपना घर समझ रखा था वह आज उनसे छूट गया था। वह नया घर नया गांव नए आदमी उन्हें बेगानो से लगते थे। इसे पूरा पढ़ने के नीचे लिंक पर क्लिक करे।
Do Bailon Ki Katha Hindi PDF Download
Note- हम कॉपीराइट का पूरा सम्मान करते हैं। इस वेबसाइट Pdf Books Hindi द्वारा दी जा रही बुक्स, नोवेल्स इंटरनेट से ली गयी है। अतः आपसे निवेदन है कि अगर किसी भी बुक्स, नावेल के अधिकार क्षेत्र से या अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो आप हमें [email protected] पर सूचित करें। हम निश्चित ही उस बुक को हटा लेंगे।
पुस्तक का नाम | दो बैलों की कथा Pdf |
लेखक | प्रेमचंद |
भाषा | हिंदी |
साइज | 4.8 Mb |
पृष्ठ | 22 |
मित्रों यह पोस्ट Do Bailon Ki Katha Hindi PDF आपको कैसी लगी जरूर बताएं और इस तरह की दूसरी पोस्ट के लिए इस ब्लॉग को सब्स्क्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें और फेसबुक पेज को लाइक भी करें, वहाँ आपको नयी बुक्स, नावेल, कॉमिक्स की जानकारी मिलती रहेगी।