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Hast Jyotish Pdf Hindi Download
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सिर्फ पढ़ने के लिये
शेरू और वीरू ने चारा खाने के बाद अपनी गर्दन हिलाई तो उनके गर्दन में बंधी हुई घुंघरू और घंटी की आवाज से सुखिया की नींद टूट गयी। शेरू और वीरू को आराम की जरूरत थी। सुखिया ने उन दोनों को दूसरे खूंटे से बांध दिया।
दोनों जुगाली करते हुए बैठ गए जो उनके संतुष्ट होने का संकेत था। गोपी घर आने के बाद आराम भी नहीं किया और बगल वाले गांव सुमेरपुर में राधे से मिलने चल दिया। राधे एक सम्पन्न किसान था तथा जानवरो की खरीदी बिक्री करने में माहिर था।
सुखिया के पास केवल दस बिस्वा जमीन थी। वह उस जमीन में जल्द से जल्द खरीफ की फसल की बुआई कर देना चाहता था। सुबह शेरू और वीरू के साथ सुखिया अपने खेत पर गया। मक्का और बाजरा की बुआई करके अपने दोनों बैल के साथ घर की तरफ चला तो बीच सिवान में दूर से ही एक काले रंग का सांड दिख गया।
वह अपने अगले पैर से जमीन की मिट्टी खोदता हुआ और हुंकार करते हुए सुखिया और उसके बैलो की तरफ बढ़ता चला आ रहा था। सुखिया ने उस बिगड़ैल सांड से पीछा छुड़ाने के लिए रास्ता बदल दिया लेकिन उस बिगड़ैल सांड ने शेरू, वीरू और सुखिया का पीछा नहीं छोड़ रहा था।
अनुभवी सुखिया समझ गया था कि यह सांड शेरू और वीरू के ऊपर वार करना चाहता है। सुखिया का अनुभव कह रहा था कि स्वजातीय मनुष्य, पशु या जानवर एक दूसरे को कदापि नहीं सहन कर सकते है। सुखिया इतना सोच ही रहा था कि वह सांड उससे कुछ ही दूरी पर सामने आकर खड़ा हो गया और अपने पैर की खुर से मिट्टी खोदकर उड़ाते हुए हुंकार भरते हुए शेरू और वीरू को चुनौती देने लगा।
सुखिया ने देर करना उचित नहीं समझा उसने शेरू और वीरू को लगाम से तुरंत ही आजाद कर दिया। उसे अनुभवथा कि दुश्मन कितना भी बलवान होने पर भी दो लोगो से नहीं जीत सकता। उसे ‘एक से भले दो’ वाली कहावत याद आ गयी।
लगाम से आजाद होते ही वीरू ने आक्रामक मुद्रा में उस बिगड़ैल सांड के सामने नजर मिलाते हुए अपने अगले पैर की खुर से मिट्टी खोदते हुए हुंकारने लगा ऐसा लग रहा था कि उसने सांड की चुनौती को स्वीकार कर लिया है और शेरू उस ताकतवर बिगड़ैल सांड के पीछे आक्रामक मुद्रा में खड़ा होकर अवसर की प्रतीक्षा करने लगा।
सारे किसान अपने खेत का कार्य रोक करके दूर से ही तमाशा देख रहे थे। उस बिगड़ैल सांड को अपनी ताकत पर घमंड था लेकिन उसे क्या पता था कि आज उसका पाला दो बैलो उस जोड़ी से पड़ा है जो दोनों मिलकर उससे बीस साबित होने वाले थे।
सुखिया ने वीरू को जोशीले अंदाज में कहा – जा बेटा! आज इसे मजा चखा दे। यह बिगड़ैल सांड कई पशुओ और मनुष्यो को बुरी तरह घायल कर चुका था लेकिन इसबार उसका मुकाबला शेरू और वीरू से था जो जैसे को तैसा जवाब देते थे।
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