नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Hindi Drama Script For Children Pdf  देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Hindi Drama Script For Children Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से  जासूसी उपन्यास Pdf Download कर सकते हैं।

 

 

 

Hindi Drama Script For Children Pdf 

 

 

 

Hindi Drama Script For Children Pdf
हिंदी ड्रामा स्क्रिप्ट फॉर चिल्ड्रन Pdf Download Here

 

 

 

 

 

 

 

सिर्फ पढ़ने के लिये 

 

 

 

वह ही समस्त सुखो के मूल आप मेरे नेत्रों के विषय हुए। ईश्वर के अनुकूल होने पर जीव को इस जगत में लाभ ही लाभ है।

 

 

 

चौपाई का अर्थ-

 

 

 

1- आपने मुझे सभी प्रकार से बड़ाई दी है। अपना निज जन जानकर अपना लिया। यदि दस हजार सरस्वती और शेष हो दस करोडो कल्पो तक गणना करते रहे।

 

 

 

2- तो भी हे रघुनाथ जी! सुनिए, मेरे सौभाग्य और आपके गुणों की कथा को कहते हुए समाप्त नहीं किया जा सकता है। मैं जो कुछ भी कहता हूँ केवल इसी बल पर कि आप अत्यंत थोड़े प्रेम से भी प्रसन्न हो जाते है।

 

 

 

3- मैं बार-बार हाथ जोड़कर यही मांगता हूँ कि मेरा मन आपके चरणों को भूलकर भी न छोड़े, जनक जी के श्रेष्ठ वचन जो प्रेम से पुष्ट थे, उसे सुनकर पूर्णकाम श्री राम जी संतुष्ट हुए।

 

 

 

4- उन्होंने ‘श्री राम जी’ ने विनती करते हुए जनक जी को, अपने पिता दशरथ जी, गुरु विश्वामित्र जी, और कुलगुरु वशिष्ठ जी के समान जानकर, उनका सम्मान किया। फिर जनक जी ने भरत जी से विनती की और प्रेम के साथ मिलकर उन्हें फिर आशीर्वाद दिया।

 

 

 

 

342- दोहा का अर्थ-

 

 

 

फिर राजा ने शत्रुघ्न जी और लक्ष्मण जी मिलकर उन्हें आशीर्वाद दिया, वह परस्पर प्रेम के वश होकर आपस में बार-बार सिर नवा रहे थे।

 

 

 

चौपाई का अर्थ-

 

 

 

1- जनक जी की बार-बार बड़ाई और विनती करके, श्री राम जी सब भाइयो के साथ चले। जनक जी ने विश्वामित्र जी के चरणों को पकड़ लिया और उनके चरण रज को सिर और नेत्रों में लगाया।

 

 

 

 

2- उन्होंने कहा – हे मुनीश्वर! सुनिए, आपके सुंदर दर्शन से कुछ भी दुर्लभ नहीं है। मेरे मन में ऐसा विश्वास है जो सुख और सुयश लोकपाल चाहते है और असंभव समझकर अपने मन में मनोरथ करते हुए भी संकोच उठते है।

 

 

 

 

3- हे स्वामी! मुझे वही सुख और सुयश सब प्रकार से सुलभ हो गया और सारी सिद्धियां तो आपके दर्शन की अनुगामिनी है, वह तो आपके पीछे-पीछे ही चलती है। इस प्रकार बार-बार विनती करके और सिर नवाकर तथा उनसे आशीर्वाद पाकर राजा जनक लौटे।

 

 

 

 

4- छोटे बड़े सभी समुदाय हर्षित है। इसके बाद डंका बजाते हुए बारात ने प्रस्थान किया, रास्ते में पड़ने वाले गांव के स्त्री-पुरुष श्री राम जी को देखकर और नेत्र फल पाकर सुखी हो रहे है।

 

 

 

 

343- दोहा का अर्थ-

 

 

 

बीच-बीच में सुंदर मुकाम करती हुई तथा मार्ग के लोगो को सुख देते हुए वह बारात पवित्र दिन में अयोध्यापुरी के समीप आ पहुंची।

 

 

 

चौपाई का अर्थ-

 

 

 

 

1- नगाड़ो की ध्वनि हो रही है। सुंदर ढोल बज रहे है। भेरी और शंख की बहुत ही आवाज हो रही है। हाथी घोड़े गरज रहे है। विशेष शब्द करने वाली झांझ, सुहावनी डफली तथा रशीले स्वर में शहनाइयां बज रही है।

 

 

 

2- नगरवासियो ने जब सुना कि बारात आ गयी है तो उनकी प्रसन्नता का ठिकाना न था। सब लोग पुलकित शरीर से हर्ष की अधिकता से अपने सुंदर घर, बाजार, गलियां, चैराहो, नगर के द्वारा को सुंदर ढंग से सजाया।

 

 

 

 

3- सारी गलियों को अरगजे से सिंचित किया गया। सब जगह सुंदर चौक की रचना की गई। तोरणों, ध्वजा पताको और मंडपों की अवर्णनीय सजावट से बाजार सजाया गया।

 

 

 

 

4- फल सहित, सुपारी, केला, आम, मौल सिरी, कदम्ब और तमाल के वृक्ष लगाए गए। वह सुंदर वृक्ष फलो के भार से पृथ्वी को छू रहे थे और उनके लगाने के स्थान (थाल) को मणियों के सुंदर कारीगरी से सजाये गए है।

 

 

 

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