नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Horror Novels in Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Horror Novels in Hindi Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से 7 + Amit Khan Novels Hindi Pdf कर सकते हैं।
Horror Novels in Hindi Pdf Download
Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।
यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।
सिर्फ पढ़ने के लिए
स्कूल की छुट्टियां चल रही थी। एक दिन घूमते हुए विवेक सोनकर नरेश प्रजापति के घर आ गया था तो वहां देखा कि नरेश के कार्य में सहयोग कर रहा था। तभी रजनी दौड़कर आयी और विवेक को प्रणाम करते हुए एक चारपाई लाकर रखते हुए बैठने के लिए कहा और खुद पानी लेने चली गयी।
विवेक को नरेश भी उसके समीप आकर बैठ गया। तभी रजनी पानी और गुड़ लेकर आयी विवेक और नरेश दोनों पानी पीने लगे। कुछ देर के बाद रजनी चाय लेकर आयी और विवेक और नरेश को देने के बाद अपने मां के पास जाकर उनके कार्य में सहयोग करने लगी जो उसके पिता राजीव के साथ ही कार्य में लगी हुई थी।
चाय पीते हुए ही विवेक बोला – नरेश अब आगे क्या विचार है पढ़ाई के विषय में? नरेश बोला – हमारे आर्थिक हालात ऐसे नहीं है कि मैं आगे की पढ़ाई जारी रख सकूँ क्योंकि ज्यादा से ज्यादा पांच साल की बाद ही रजनी की शादी भी करनी होगी और मैं अपनी पढ़ाई में इतना समय लगाऊंगा तो पिता जी का सहयोग कैसे करूँगा।
अकेले पिता जी चार आदमियों का भार कब तक उठाएंगे उनका भी एक-एक दिन वृद्धावस्था की तरफ बढ़ता जा रहा है अब मैं पिता जी का सहयोग करते हुए उनका भार कम करना चाहता हूँ। अगर तुम्हारे पढ़ाई की व्यवस्था अवरोध रहित होकर चलती रहे तथा रजनी के विषय में तुम्हे चिंता न करना पड़े तो क्या तुम अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हो?
यह बात विवेक ने नरेश से कहा तो वह बोला – तुम्हारे इस अच्छे विचार के लिए धन्यवाद। लेकिन यह व्यवस्था कहाँ से होगी और कौन करेगा? परमेश्वर पर भरोसा रखो अभी दुनियां में ऐसे बहुत से मनुष्य है जिन्हे हम भगवान का स्वरुप कह सकते है तुम पहले अपना विचार बताओ। विवेक ने कहा।
नरेश ने विवेक से कहा अगर ऐसा होगा तो मैं अवश्य ही पढ़ाई करूँगा और यह बताओ इस समय सुधीर कहां है? बहुत दिनों से यहां आया ही नहीं। विवेक बोला – वह तुमसे नाराज चल रहा है। मुझसे क्यों नाराज है सुधीर मैं तो कुछ कहता भी नहीं हूँ।
तभी रजनी दूर से ही बोली नरेश भैया आपकी एक बात सुधीर को लग गयी ऐसी कौन सी बात है रजनी जो सुधीर को लग गयी। वह यह बात है कि आपने उसे कह दिया कि तुम कभी एक नंबर पर नहीं पास हो सकते हो। ठीक है मैं अपने छोटे भाई को मना लूंगा।
लेकिन यह बात तो मैंने एकदम हल्के में कही थी उसे सुधीर अपने मन में बैठा लिया है चलो अच्छा हुआ इसी बात से लगकर वह नंबर एक तो आएगा। इतना कहकर नरेश हंसने लगा तो विवेक भी मुसकराने लगा। परीक्षा के बाद आज इतना उन्मुक्त होकर नरेश को पहली बार हँसते हुए विवेक देख रहा था।
मित्रों यह पोस्ट Horror Novels in Hindi Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Horror Novels in Hindi Pdf Download की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।