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Jyotish Vidya in Hindi Pdf / ज्योतिष विद्या इन हिंदी Pdf


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3- दूसरे राजा जो अभिमान वश अंधे हो रहे थे उनके अंदर विवेक भी नहीं था यह बात सुनकर हंसने लगे। उन्होंने कहा – ष तोड़ने पर भी विवाह संभव नहीं है अर्थात हम इतनी सहजता से जानकी को नहीं हाथ से जाने देंगे तो बिना तोड़े ही राजकुमारी कौन ब्याह सकता है?
4- काल ही क्यों न हो, एक बार तो सीता के लिए हम उसे भी युद्ध में जीत लेंगे। यह घमंड भरी बातों को सुनकर जो राजा धर्मात्मा थे और हरिभक्त, सयाने थे मुसकराये।
245- सोरठा का अर्थ-
उन्होंने कहा – राजाओ के गर्व तो दूर करके शिव जी का तोड़कर सीता जी को ब्याहेंगे और युद्ध की बात आने पर महाराज दशरथ के बांके पुत्रो को रण के युद्ध में तो कौन जीत सकता है।
चौपाई का अर्थ-
1- व्यर्थ में गाल बजाते हुए मत मरो, मन के लड्डुओं से भी कही भूख मिटती है? हमारी परम सीख को सुनकर सीता जी को जगत की जननी समझो, और उन्हें पाने की लालसा छोड़ दो।
2- श्री राम जी को जगत का पिता परमेश्वर विचारकर नेत्र भरकर उनकी छवि को देख लो क्योंकि यह अवसर दूसरी बार नहीं मिलेगा। सुंदर सुख प्रदान करने वाले और समस्त गुणों की राशि, यह दोनों भाई शिव जी के हृदय में बसने वाले है। वह तुम्हारे सामने आ गए है क्योंकि शिव जी इन्हे अपने हृदय में हमेशा छिपाये रहते है।
3- समीप आये हुए अमृत के समुद्र (भगवद्दर्शन रूप) को छोड़कर तुम मृग जल (जानकी को पत्नी रूप में पाने की दुराशा) को देखकर दौड़कर क्यों मरते हो? हमने तो आज श्री राम जी के दर्शन करके अपना जीवन सफल कर लिया, फिर जो जिसको अच्छा लगे वही जाकर करो।
4- ऐसा कहते हुए अच्छे विचार वाले राजा प्रेम मग्न होकर श्री राम जी का अनुपम रूप देखने लगे देवता लोग भी आकाश में विमान पर चढ़े हुए दर्शन कर रहे है और सुंदर गान करते हुए बरसा रहे है मनुष्यो की तो बात ही क्या है।
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