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Kalika Puran Pdf Download
पुस्तक का नाम | Kalika Puran Pdf |
पुस्तक के लेखक | – |
भाषा | हिंदी |
साइज | 51.6 Mb |
पृष्ठ | 442 |
फॉर्मेट | |
श्रेणी | धार्मिक |


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सिर्फ पढ़ने के लिये
हे राजाओ के शिरोमणि एवं पृथ्वी के भूषण श्री राम जी! संसृति “जन्म-मृत्यु का प्रवाह” रूपी नदी के लिए नौका रूप अपनी भक्ति प्रदान कीजिए। हे सभी मुनि के मन रूपी मान सरोवर में निरंतर निवास करने वाले हंस! आपके चरण कमल ब्रह्मा जी और शिव जी द्वारा वन्दित है।
आप रघुकुल के केतु, वेद मर्यादा के रक्षक और काल, कर्म, स्वभाव तथा गुण रूप बंधनो के नाशक है। आप तरन-तारन, तथा सब दोष को हरने वाले है। तीनो लोको के विभूषण आप ही तुलसीदास के स्वामी है।
प्रेम सहित बार-बार स्तुति करके और सिर नवाकर तथा अपना अत्यंत मनचाहा वर प्राप्त कर सनकादि मुनि ब्रह्मलोक को चले गए।
सनकादि मुनि ब्रह्मलोक को चले गए। तब भाइयो ने श्री राम जी के चरणों में सिर नवाया। सब भाई प्रभु से पूछने में सकुचाते है। इसलिए सब हनुमान जी की ओर देख रहे है। वह प्रभु के मुख की श्री वाणी सुनना चाहते है। जिसे सुनकर सारे भ्रम का नाश हो जाता है। अन्तर्यामी प्रभु सब जान गए और पूछने लगे – कहो हनुमान! क्या बात है?
तब हनुमान जी हाथ जोड़कर बोले – हे दीन दयालु, भगवान! सुनिए, हे नाथ! भरत जी कुछ पूछना चाहते है पर प्रश्न करने से मन में सकुचा रहे है। भगवान ने कहा – हे हनुमान! तुम मेरा स्वभाव तो जानते ही हो। भरत के और मेरे बीच में कभी भी कोई अंतर है? प्रभु के वचन सुनकर भरत जी ने उनके चरण पकड़ लिए और कहा – हे नाथ! हे शरणागत के दुखो को हरने वाले! सुनिए।
मानो नवग्रहों ने बहुत बड़ी सेना के साथ आकर अमरावती को घेर लिया हो। पृथ्वी पर अनेक रंगो के दिव्य रत्नो की फर्श ढाली गयी है जिसे देखकर श्रेष्ठ तपस्वियों के मन भी नाच उठते है। उज्वल महल ऊपर आकाश को चूम रहे है। महलो के कलश अपने दिव्य प्रकाश से मानो सूर्य, चन्द्रमा के प्रकाश की भी निंदा करते है। महल में बहुत सी मणियों से रचे हुए झरोखे सुशोभित है घर-घर में मणियों के दीपक शोभायमान है।
घरो में मणियों के दीपक शोभा दे रहे है। मूंगा रत्न से बनी हुई देहलियां चमक रही है। मणियों के खम्भे है। मरकत मणियों से जड़ी हुई सोने की दीवारे ऐसी सुंदर है मानो ब्रह्मा ने खास तौर से बनाई हो। महल सुंदर मनोहर और विशाल है। उनमे सुंदर स्पटिक के आंगन बने हुए है। प्रत्येक द्वार पर बहुत से हीरे जड़े हुए कपाट लगे है।
हर घर में सुंदर चित्रशाला है जिनमे श्री राम जी के चरित्र बहुत सुंदरता के साथ संवार कर अंकित किए गए है जो मुनि के चित्त को भी चुरा लेते है।
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