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Kashi Khand Granth Pdf In Hindi
इस पोस्ट के बारे में—–
गजासुर की प्रार्थना सुन भगवान शंकर ने तथास्तु कहा और यह भी कहा कि हे पुण्यनिधे दैत्य तुमने जो वर माँगा सो मैंने दिया ही साथ में एक और वरदान मैं तुम्हे दे रहा हूँ। तुम अपनी मुक्ति हेतु इस अविमुक्त क्षेत्र में मुझसे युद्ध कर अपना शरीर छोड़ रहे हो अतः तुम्हारा यह शरीर मेरा मूर्ति हो। इस क्षेत्र यह मूर्ति सबको मुक्ति देने वाला होगा। इस मूर्ति का नाम कृत्तिवासेश्वर होगा।
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