नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Keshav Pandit novel in Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Keshav Pandit novel in Hindi Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से Science Fiction Novel in Hindi Pdf कर सकते हैं।
Keshav Pandit novel in Hindi Pdf
मित्रों केशव पंडित के नॉवेल बहुत प्रसिद्ध हैं। केशव पंडित के उपन्यास थ्रिलर, सस्पेंस और रोमांचक होते हैं। आप नीचे की लिंक से केशव पंडित नॉवेल्स फ्री डाउनलोड कर सकते हैं और दूसरे केशव पंडित नोवेल्स खरीद भी सकते हैं, क्योंकि केशव पंडित के नॉवेल्स ऑनलाइन फ्री बहुत कम उपलब्ध हैं।
हिंदी कहानी
एक सार्वजनिक संस्था के सदस्य गांधी जी से चर्चा के लिए उनके पास पहुंचे। उस समय गांधीजी वर्धा में थे। गांधीजी को बातचीत के दौरान लगा कि इस कार्य के लिए दो – तीन लोगों की आवश्यकता नहीं है।
गांधीजी ने उनसे कहा, ” आप सभी को इस काम के लिए रुकना उचित नहीं है। आपमें से कोई दो वापस लौट जाए।
वे लोग एक – दूसरे का मुँह देखने लगे। तब गांधीजी ने उन्हें समझाते हुए कहा, ” सदैव समय का उपयोग करना चाहिए। समय का अपव्यय करना अनुचित है। जिस समय यहां एक व्यक्ति काम कर रहा होगा उस समय दूसरा वहाँ जाकर कोई और काम कर सकता है। ”
समय के महत्व को समझ कर वे लोग अपनी गलती समझ गए और एक को छोड़कर बाकी वापस लौट गए।
Moral – इस बात से हमें यही शिक्षा मिलती है कि जो समय का उचित उपयोग करते हैं वे सदैव ही जीवन में सफल होते हैं।
कर्तव्यनिष्ठा हिंदी कहानी
2- संधि का प्रस्ताव असफल होने पर जब श्रीकृष्ण हस्तिनापुर की तरफ लौटे तब महारथी कर्ण उन्हें विदा करने आये। मार्ग में महारथी कर्ण को समझाते हुए श्रीकृष्ण ने कहा , ” कर्ण, तुम सूतपुत्र नहीं हो। तुम तो महाराजा पांडु और देवी कुंती के सबसे बड़े पुत्र हो। यदि दुर्योधन का साथ छोड़कर पांडवों के पक्ष में आ जाओं तो तत्काल तम्हारा राज्याभिषेक कर दिया जाएगा। तुमको भी पता है कि कौरव गलत रास्ते पर हैं। उनका विनाश सुनिश्चित है। इसलिये पाप को छोड़कर पुण्य की तरफ आ जाओ। ”
यह सुनकर महारथी कर्ण ने कहा, ” हे वासुदेव, मैं जानता हूँ कि मैं माता कुन्ती का पुत्र हूँ और मुझे यह भी पता है कि कौरव गलत रास्ते पर हैं और उनका विनाश निश्चित है। लेकिन प्रभु यह बताईये जब सभी सूतपुत्र कहकर मेरा तिरस्कार कर रहे थे तब केवल दुर्योधन ने ही मुझे सम्मान दिया। क्या मैं उसे भूल जाऊं ? मेरे भरोसे दुर्योधन ने पांडवों को युद्ध की चुनौती दी है तो क्या मैं उसके विश्वास को तोड़ दूँ ? मैं जानता हूँ प्रभु कि युद्ध में विजय पांडवों की होगी, लेकिन आप मुझे अपने कर्त्तव्य से क्यों विमुख करना चाहते हैं?’
कर्त्तव्य के प्रति कर्ण की निष्ठा से भगवान श्रीकृष्ण निरुत्तर हो गए।
Moral- इस प्रसंग से यह बात साबित होती है कि कर्त्तव्य के प्रति निष्ठा व्यक्ति के चरित्र को दृढ़ता प्रदान करती है और उस दृढ़ता को बड़े-से-बड़ा प्रलोभन भी शिथील नहीं कर पाता।
केशव पंडित उपन्यास Pdf Download


मलिका का ताज उपन्यास Pdf Download | Download Now |
निम्फोमैनियाक उपन्यास फ्री डाउनलोड | Download Now |
खुनी घटना सुरेंद्र मोहन पाठक | Download Now |
जीत सिंह – दस लाख सुरेंद्र मोहन पाठक नावेल | Download Now |
लंबे हाथ Novel Pdf Download | Download Now |
बीवी का नशा सुरेंद्र मोहन पाठक नावेल | Download Now |
मदारी उपन्यास डाउनलोड | Download Now |
दस मिनट उपन्यास डाउनलोड | Download Now |
नौकरी डॉट कॉम वेद प्रकाश शर्मा उपन्यास पीडीऍफ़ | Download Now |
पैंसठ लाख की डकैती सुरेंद्र मोहन पाठक | Download Now |
Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।
यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें newsbyabhi247@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।
मित्रों यह पोस्ट Keshav Pandit novel in Hindi Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Keshav Pandit novel in Hindi Pdf Download की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।
Excellent but all novel not in shown