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Lagna Jatak Pdf / लग्न जातक पीडीएफ
पुस्तक का नाम | लग्न चन्द्रिका |
श्रेणी | ज्योतिष |
पृष्ठ | 27 |
साइज
पुस्तक के लेखक |
15.5 MB
जी. डी. भरतिया |
सिर्फ पढ़ने के लिए
शंख और चन्द्रमा के जैसी सुंदर कांति के शरीर वाले, व्याघ्रचर्म के वस्त्र वाले, काल के समान भयानक सर्पो का भूषण धारण करने वाले।
गंगा और चन्द्रमा के प्रेमी काशी पति, कलयुग के पाप समूह का नाश करने वाले, कल्याण के कल्पवृक्ष, गुण का निधान और कामदेव को भस्म करने वाले, पार्वती पति, वंदनीय शंकर जी को मैं नमस्कार करता हूँ।
जो सत्पुरुषों को अत्यंत दुर्लभ कैवल्य मुक्ति प्रदान कर देते है और जो बुरे लोगों को दंड वाले है। वह कल्याणकारी श्री शंभु मेरे कल्याण का विस्तार करे।
दोहा का अर्थ-
लव, निमेष, परमाणु, वर्ष, युग और कल्प जिनके प्रचंड है और काल जिनका धनु है हे मन! तू उन श्री राम जी को क्यों नहीं भजता?
सोरठा का अर्थ-
समुद्र के वचन सुनकर प्रभु श्री राम जी ने मंत्रियों को बुलाकर कहा – अब विलंब किस लिए हो रहा है? सेतु तैयार करो जिसमे सेना उतरे।
जांबवंत ने हाथ जोड़कर कहा – हे सूर्यकुल के ध्वजा स्वरुप कीर्ति को बढ़ाने वाले श्री राम जी! सुनिए, हे नाथ! सबसे बड़ा सेतु तो आपका नाम ही है जिसपर चढ़कर और जिसका आश्रय लेकर मनुष्य संसार रूपी समुद्र से पार हो जाता है।
चौपाई का अर्थ-
फिर यह छोटा सा समुद्र पार करने में कितनी देर लगेगी? ऐसा सुनकर फिर पवन-कुमार श्री हनुमान जी ने कहा – प्रभु का प्रताप भारी बड़वानल के समान है। इसने पहले समुद्र के जल को सोख लिया था।
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