अगर आप Main Mrityu Sikhata hun Osho pdf डाउनलोड करना चाहते हैं तो बिल्कुल सही जगह पर आप आये हैं, आप नीचे की लिंक से Main Mrityu Sikhata hun Osho pdf डाउनलोड कर सकते हैं और यहां से Nirmal verma ki kahaniyan Pdf Download कर सकते हैं।
Main Mrityu Sikhata hun Osho pdf Free
इस पुस्तक के बारे में——
कृष्ण ने कहा अर्जुन से कि तू भयभीत मत हो, क्योंकि तू जिन्हें सामने खड़े देख रहा है, वे बहुत बार रहे हैं पहले भी। तू भी था, मैं भी था, हम सब बहुत बार थे और हम सब बहुत बार होंगे। जगत में कुछ भी नष्ट नहीं होता। इसलिए न मरने का डर है, न मारने का डर है। सवाल है जीवन को जीने का।
और जो मरने और मारने दोनों से डरते हैं, वे जीवन की दृष्टि में एकदम नपुंसक और इंपोटेंट हो जाते हैं। जो न मर सकता है, न मार सकता है, वह जानता ही नहीं कि जो है वह न मारा जा सकता है, न मर सकता है। कैसी होगी वह दुनिया जिस दिन सारा जगत जानेगा भीतर से कि आत्मा अमर है।
उस दिन मृत्यु का सारा भय विलीन हो जाएगा! उस दिन मरने का भय भी विलीन हो जाएगा, मारने की धमकी भी विलीन हो जाएगी। उस दिन युद्ध विलीन होंगे, उसके पहले नहीं। जब तक आदमी को लगता है कि मारा जा सकता है, मर सकता हूं, तब तक दुनिया से युद्ध विलीन नहीं हो सकते।
चाहे गांधी समझाएं अहिंसा, और चाहे बुद्ध और चाहे महावीर। चाहे सारी दुनिया में अहिंसा के कितने ही पाठ पढ़ाए जाएं। जब तक मनुष्य को भीतर से यह अनुभव नहीं पैदा हो सकता कि जो है, वह अमृत है, तब तक दुनिया में युद्ध बंद नहीं हो सकते।
वे जिनके हाथों में दिखती हैं, यह मत समझ लेना कि वे बहुत बहादुर लोग हैं। सबूत है कि यह आदमी भीतर से डरपोक है, कायर है, कावर्ड है। चौरस्तों पर जिनकी मूर्तियां बनाते हो हाथ में लेकर, वे कायरों की मूर्तियां हैं। बहादुर के हाथ में की कोई जरूरत नहीं है। इस पुस्तक को पूरा पढ़ने के नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे।
इस आर्टिकल में दिये गए किसी भी Pdf Book या Pdf File का इस वेबसाइट के ऑनर का अधिकार नहीं है। यह पाठको के सुविधा के लिये दी गयी है। अगर किसी को भी इस आर्टिकल के पीडीएफ फ़ाइल से कोई आपत्ति है तो इस मेल आईडी [email protected] पर मेल करें।
यह पोस्ट Main Mrityu Sikhata hun Osho pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और इसे शेयर भी करें।