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Nakshatra Jyotish Pdf / नक्षत्र ज्योतिष पीडीएफ
नक्षत्र ज्योतिष पीडीऍफ़ डाउनलोड
सिर्फ पढ़ने के लिए
तब हनुमान जी ने सीता जी के सामने अंगूठी डाल दी, मानो अशोक ने अंगारा दे दिया। यह समझकर सीता जी ने हर्षित होकर उठकर उसे हाथ में उठा लिया।
चौपाई का अर्थ-
तब उन्होंने राम नाम से अंकित अत्यंत सुंदर एवं मनोहर अंगूठी देखी। अंगूठी को पहचानकर सीता जी आश्चर्यचकित होकर उसे देखने लगी और हर्ष तथा विषाद से हृदय में अकुला उठी।
वह सोचने लगी – श्री रघुनाथ जी तो सर्वथा अजेय है उन्हें कौन जीत सकता है और ऐसी माया के उपादान से सर्वथा रहित दिव्य चिन्मय अंगूठी बनाई नहीं जा सकती है। सीता जी अपने मन में अनेक प्रकार के विचार कर रही थी। उसी समय हनुमान जी मधुर वचन बोले।
वह श्री राम जी के गुणों का वर्णन करने लगे जिसे सुनते ही सीता जी का दुःख भाग गया। वह कान और मन लगाकर उन्हें सुनने लगी। हनुमान जी ने आदि से लेकर सारी कथा कह सुनाई।
सीता जी बोली – जिसने कानो में अमृत रूप यह सुंदर कथा कही, वह हे भाई! प्रकट क्यों नहीं होता? तब हनुमान जी पास चले गए। उन्हें देखकर सीता जी मुख फेरकर बैठ गयी। उनके मन में आश्चर्य हुआ।
हनुमान जी ने कहा – हे माता जानकी! मैं श्री राम जी का दूत हूँ। करुणा निधान की सच्ची शपथ करता हूँ। हे माता! यह अंगूठी मैं ही लाया हूँ।
श्री राम जी ने मुझे आपके लिए सहिदानी दी है। सीता जी ने पूछा – नर और वानर का संग कहो कैसे हुआ? तब हनुमान जी ने जैसे संग हुआ वह कथा कह सुनाई।
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