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Nasht Jatakam Pdf / नष्ट जातकम पीडीएफ
भारतीय ज्योतिष शास्त्र pdf Download
सिर्फ पढ़ने के लिए
राजमद से और मोह वश तुम जगत जननी सीता जी को हर लाये हो। अब तुम मेरे शुभ वचन और हित भरी सलाह सुनो। उसके अनुसार चलने से प्रभु श्री राम जी तुम्हारे सब अपराध क्षमा कर देंगे।
दांतो में तिनका दबाओ और कुटुंबियो सहित अपनी स्त्रियों को साथ लेकर आदर पूर्वक जानकी जी को आगे करके इस प्रकार भय छोड़कर चलो।
20- दोहा का अर्थ-
और हे शरणागत के पालन करने वाले रघुवंश शिरोमणि श्री राम जी! मेरी रक्षा कीजिए, रक्षा कीजिए। इस प्रकार आर्त प्रार्थना करो। आर्त पुकार सुनते ही प्रभु तुमको निर्भय कर देंगे।
चौपाई का अर्थ-
रावण ने कहा – अरे बंदर के बच्चे! संभाल कर बोल! मुझ देवताओ के शत्रु को तूने जाना नहीं? अरे भाई! अपना और अपने पिता का नाम तो बता। किस नाते मित्रता मानता है?
अंगद ने कहा – मैं बालि का पुत्र हूँ, मेरा नाम अंगद है। उनसे कभी तुम्हारी भेट हुई थी? अंगद का वचन सुनते ही रावण कुछ सकुचा गया और बोआ हां मैं जान गया बालि नाम का एक बंदर था।
अरे अंगद! तू ही बालि का लड़का है? अरे कुल नाशक! तू तो अपने कुल रूपी बांस के लिए अनल रूप ही पैदा हुआ। तू व्यर्थ ही पैदा हुआ जो अपनी ही मुंह से तपस्वियों का दूत कहलाया।
अब बालि की कुशल तो बता वह आजकल कहां है? तब अंगद ने हंसकर कहा – दस दिन बीतने पर स्वयं ही बालि के पास जाकर अपने मित्र को हृदय से लगाकर उसी से कुशल पूछ लेना।
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