Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf | ओम प्रकाश शर्मा उपन्यास Pdf

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से 10 + Horror Novels in Hindi Pdf कर सकते हैं।

 

 

 

Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf Download

 

 

Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf
यह उपन्यास यहां से डाउनलोड करे।

 

 

 

Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf
विषकन्या हिंदी नॉवेल By ओमप्रकाश शर्मा यहां से डाउनलोड करे।

 

 

 

 

Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf
महाकाली हिंदी नॉवेल by अनिल मोहन यहां से डाउनलोड करे।

 

 

 

 

 

 

 

 

Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।

 

 

 

यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।

 

 

 

सिर्फ पढ़ने के लिए

 

 

 

आने-जाने वाले राहगीर डा. निशा को देख रहे थे लेकिन किसी ने भी उस दुबली औरत की सहायता करने की जरा भी कोशिश नहीं किया क्योंकि इस दौड़ भाग की जिंदगी में किसके पास दूसरे का दुःख दर्द बांटने का समय है मदद करना तो दूर की बात है।

 

 

 

 

लेकिन दुनियां में ऐसे भी लोग है जो दूसरे की सहायता कर आत्मसंतोष का अनुभव करते है। डा. निशा भारती ने कोमल और सरिता को साथ में लेकर अपने घर आ गयी। इतनी बड़ी डा. तथा एक फौजी की पत्नी होकर वह अपने घर का सारा कार्य खुद करती थी।

 

 

 

 

उन्होंने कोमल को चेक किया तो उसके अंदर बहुत कमजोरी थी। डा. निशा भारती ने उसे दवा दिया और उसके बच्ची के लिए अमृत की व्यवस्था करके अपने क्लिनिक पर चली गयी। क्लिनिक से आने के बाद ही उन्होंने विपिन को इस बेसहारा औरत के विषय में बताया था।

 

 

 

 

विपिन तो बहुत ही खुश हुए क्योंकि वह छोटी सी सरिता बहुत ही चंचल थी। डा. भारती के प्रयास से कोमल के अंदर दो दिन में ही परिवर्तन आ गया था तथा सरिता भी अब किलकारी मारने लगी थी।

 

 

 

कंचन खाना बनाने के लिए किचन में गयी तो उसके पीछे सुधीर भी पहुँच गया। वह भी एक पेंसिल और नरेश की नोट बुक लेकर बैठ गया। इस तरह से कि कोई अनजान आदमी अगर देख ले तो समझे कि इतना छोटा बच्चा कितनी तल्लीनता के साथ पढ़ाई कर रहा है।

 

 

 

 

कंचन की निगाह जब सुधीर के ऊपर पड़ी तो वह चौंक गयी क्योंकि उसके हाथ में रोज वाली कॉपी नहीं थी न तो रोज वाली पेन ही थी। विवेक जब पढ़ने के लिए बैठा तो उसके बैग में उसकी सबसे सुंदर पेन गायब थी। उसे समझते देर नहीं लगी कि यह कारनामा सुधीर ही कर सकता है।

 

 

 

 

यह सोचकर वह किचन की तरफ बढ़ गया क्योंकि सुधीर की सबसे पसंद जगह किचन ही थी जहां उसकी मां खाना बनाती थी कारण यह कि वहां विवेक उसे कुछ नहीं कह सकता था क्योंकि उसकी मां कंचन सुधीर की ढाल बनकर उसकी सुरक्षा करती थी।

 

 

 

 

दूसरे दिन रविवार था नरेश तो सुधीर की चालाकी से पहले ही परेशान  विवेक के घर जाने का फैसला किया था क्योंकि नोट बुक की वजह से उसका कोई भी प्रश्न हल नहीं हो सका था। नरेश ने सोचा विवेक के घर जाकर पढ़ाई के विषय में भी बात कर लूंगा और नोट बुक भी मिल जाएगी।

 

 

 

 

कंचन ने सुधीर के हाथ में नोट बुक और एक बढियाँ सा कलम देखा तो वह समझ गयी कि आज इसने पहले से ही चालाकी दिखाया है। वह सुधीर से नोट बुक और कलम मांगने लगी तो सुधीर ने देने से इंकार करते हुए अपनी बाल सुलभ जिज्ञासा में कहा मां क्या मैं नहीं पढ़ सकता हूँ?

 

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Om Prakash Sharma Novels Hindi Pdf Download की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

Leave a Comment