नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Parashar Jyotish In Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Parashar Jyotish In Hindi Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां फल प्रकाश Pdf Download भी डाउनलोड कर सकते है।

 

 

 

Parashar Jyotish In Hindi Pdf

 

 

 

 

 

 

महर्षि पराशर के बारे में 

 

 

 

वेदव्यास का नाम द्वैपायन था। वह महर्षि पराशर के पुत्र थे। ऋषि वेदव्यास ने ही महाभारत नामक ग्रंथ की रचना किया था। वेदव्यास की माता का नाम सत्यवती था। वह निषाद की कन्या थी। मछली मारने का कार्य उसे विरासत में प्राप्त हुआ था इस कारण से उसके अंगो से मछली की गंध प्रसारित होती थी। वह नाव खेने का कार्य करती थी।

 

 

 

 

उसका नाम मत्स्यगंधा भी था। एक बार जब ऋषि पराशर उसकी नाव में बैठकर यमुना पार कर रहे थे। तब उसके रूप सौंदर्य को देखकर ऋषि पराशर के मन में आशक्ति का भाव उत्पन्न हो गया और उन्होंने सत्यवती के समक्ष प्रणय निवेदन कर दिया। तब सत्यवती ने कुछ सोचते हुए ऋषि से कहा – हे मुनिवर! आप तो ब्रह्मज्ञानी है। आप के साथ एक निषाद कन्या का संबंध क्या उचित है?

 

 

 

 

तब पराशर मुनि ने कहा – प्रणय संबंध के बाद भी तुम्हारा भंग नहीं होगा और प्रसूति होने पर भी तुम कुंवारी ही रहोगी। तब सत्यवती ने उन्हें टालने की गरज से कहा – हे महाराज! दिन में प्रणय लोकनिंदा का कारण बन सकता है। तब पराशर ऋषि ने अपने योग बल से घना कुहरा चारो तरफ फैला दिया।

 

 

 

 

तब सत्यवती ने मुनि के निवेदन को स्वीकार कर लिया। प्रणय संबंध के बाद ऋषि ने सत्यवती को आशीर्वाद दिया कि उसके शरीर से उत्पन्न होने वाली मत्स्यगंध सुगंध में परिवर्तित हो जाएगी।

 

 

 

 

आगे चलकर यमुना नदी के द्वीप पर ही सत्यवती को पुत्र की प्राप्ति होती है। (बाद में सत्यवती ने राजा शांतनु से विवाह किया था) यही पुत्र आगे चलकर वेदव्यास के नाम से विख्यात हुए।

 

 

 

कालांतर में वेदो का भाष्य करने के कारण वह वेदव्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए। व्यास जी सांवले रंग के थे जिस कारण से उन्हें कृष्ण कहा जाता था।

 

 

 

 

यमुना के बीच एक द्वीप में जन्म होने के कारण ही इन्हे द्वैपायन कहा जाता है। अतः इन्हे वेदव्यास के साथ ही कृष्ण द्वैपायन के नाम से भी ख्याति प्राप्ति हुई थी।

 

 

 

Parashar Jyotish In Hindi Pdf Download

 

 

पुस्तक का नाम  पराशर संहिता Pdf
पुस्तक के लेखक  ऋषि पराशर 
पुस्तक की भाषा  हिंदी 
फॉर्मेट  PDF
कुल पृष्ठ  62 
साइज  2.94 MB 
श्रेणी  ज्योतिष 

 

 

वृहद पराशर होरा शास्त्र Pdf Download

पराशर संहिता पीडीऍफ़ डाउनलोड

लघु पराशरी Pdf Download

 

 

 

पराशर गीता

 

 

 

पराशर गीता में महाभारत के शांति पर्व में सभी तरह के दर्शन और धर्म विषयक प्रश्नो के उत्तर का विस्तृत वर्णन मिलता है। युधिष्ठिर और भीष्म के मध्य संवाद युधिष्ठिर को भीष्म ने राजा जनक और पराशर के बीच हुए वार्तालाप को प्रकट किया है। जिसे पराशर गीता के नाम से जाना जाता है। इसमें धर्म कर्म संबंधी बातो का विस्तार से वर्णन है।

 

 

 

पराशर ज्योतिष शास्त्र

 

 

 

प्राचीन और वर्तमान का ज्योतिष शास्त्र पराशर द्वारा बताये गए नियमो पर ही आधारित है। पराशर ऋषि ने अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथो की रचना किया है। ज्योतिष के ऊपर लिए गए उनके ग्रंथ बहुत ही महत्वपूर्ण है। ऋषि पराशर ने ही बृहत्पाराशर होरा शास्त्र, लघुपाराशरी (ज्योतिष) लिखा है।

 

 

 

 

पराशर की रचनाये

 

 

 

ऋग्वेद में पराशर की कई रचनाये है। ऋषि पराशर ने कई विद्याओ का ज्ञान प्राप्त करके उसे दुनिया में प्रसारित किया। विष्णु पुराण, पराशर स्मृति, विदेह राज जनक को उपदिष्ट गीता (पराशर गीता) वृहत्पराशर संहिता आदि पराशर की रचनाये है।

 

 

 

 

पराशर की अन्य रचनाये

 

 

पराशरौदितं नीतिशास्त्रम (आचार्य चाणक्य द्वारा उल्लिखित) पराशरोदितं वास्तु शास्त्रम (विश्वकर्मा द्वारा उल्लेख किया हुआ) वृहत्पाराशरीय धर्म संहिता, पराशर संहिता (वैद्यक) पाराशरीय धर्म संहिता (स्मति) पराशरीय पुराणम का उल्लेख माधवाचार्य द्वारा हुआ है।

 

 

 

पराशर जी ने धर्म शास्त्र, ज्योतिष, वास्तुकला, आयुर्वेद, नीति शास्त्र आदि विषयक ज्ञान को प्रकट किया है। वह एक दिव्य और अलौकिक शक्ति से सम्पन्न ऋषि थे।

 

 

 

उनके द्वारा रचित ग्रंथ वृहत्पाराशर होरा शास्त्र, लघुपराशरी, वृहत्पराशरीय धर्म संहिता, पराशरोदितम, वास्तुशास्त्रम पराशर धर्म संहिता, पराशर संहिता (आयुर्वेद) पराशर नीति शास्त्र, पराशर महापुराण आदि मानव मात्र के लिए कल्याणार्थ रचित ग्रंथ संसार में प्रसिद्ध है तथा जिनकी प्राशंगिकता आज भी बनी हुई है।

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Parashar Jyotish In Hindi Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और इस तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *