नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Patanjali Yoga Sutra In Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Patanjali Yoga Sutra In Hindi Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से Hanuman Shabar Mantra Book PDF कर सकते हैं।
Patanjali Yoga Sutra In Hindi Pdf

पतंजलि योग सूत्र को योग की महानतम पुस्तकों में से एक माना जाता है। पतंजलि योग सूत्र एक ऐसी किताब है जिसका प्रत्येक वाक्य एक कुंजी की तरह है। पतंजलि का भाषा के ऊपर बहुत अच्छा अधिकार था तथा उन्होंने भाषा के प्रयोग में बहुत सावधानी से काम लिया है।
पतंजलि एक ऐसे महान विद्वान थे। उनकी भाषा के साथ विद्वता और अंदरूनी गहराई पर बहुत ज्यादा अधिकार था। योग की शिक्षा सबसे पहले ‘आदि योगी’ ने अपने सात शिष्यों को प्रदान किया था।
योग सूत्र का प्रादुर्भाव
सप्तर्षियों की योग की शिक्षा से योग अलग-अलग सात धाराओं में विभाजित हो गया और इन सात धाराओं से सैकड़ो अलग-अलग शाखाये बन गयी। एक समय ऐसा आया कि योग की लगभग साढ़े तीन हजार से अधिक शाखाओ का प्रचलन शुरू था।
पतंजलि योग सूत्र में कही पर भी अभ्यास करने की सलाह नही दी गयी है। सूत्र मतलब धागा, धागा हार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है लेकिन धागे के कारण ही कोई हार नहीं पहनता है। हार में फूलो या मोतियों की उपस्थिति के कारण ही पहना जाता है।
यह सब बुद्धिमान और विद्वान लोगो के ऊपर छोड़ दिया गया है कि विद्वान लोग सूत्र में कौन सा और कैसा मोती पिरो सकते है जिससे धागा और मोती एक साथ मिलकर किसी की जिंदगी सुधार सके। यहां धागे का तात्पर्य सूत्र और मोती का तात्पर्य योग से है।
महर्षि पतंजलि एक संत थे। उनकी आयुर्वेद के ऊपर अच्छी पकड़ थी, इसलिए उन्हें एक डॉक्टर कहना अतिशयोक्ति न होगी।
उन्होंने मानव जीवन रक्षक औषधियों के बारे में एक महाभाव्य एक महाभाष्य लिखकर उसमे अनेक प्रकार की औषधियों के सूत्र का समावेश कर दिया जो मनुष्य के काम आ सके।
इन्होंने योग के माध्यम से मन को, भाषण के माध्यम से व्याकरण और औषधीय माध्यम से शरीर की अशुद्धियों को हटाने के लिए भगीरथ प्रयास किया।
इस श्लोक को योगाभ्यास के शरुवात में गाया जाता है। इसका अर्थ है – मन की चित्त वृत्तियों को योग से, वाणी को व्याकरण से और शरीर अशुद्धियों को आयुर्वेद के द्वारा शुद्ध करने वाले सर्वश्रेष्ठ महर्षि पतंजलि को मैं दोनों हाथ जोड़कर नमन करता हूँ।
महर्षि पतंजलि के जन्म के विषय में अनेक कथाए प्रचलित है – एक कथा के अनुसार महर्षि पतंजलि अत्रि ऋषि और परम सती अनुसुइया के पुत्र थे, जो आगे चलकर महर्षि पतंजलि के रूप में विख्यात हुए, और दूसरी कथा के अनुसार महर्षि पतंजलि को अनंत का अवतार कहा जाता है। जो भगवान विष्णु के आशीर्वाद से महर्षि पतंजलि रूप में अवतरित हुए।
महर्षि पतंजलि योग सूत्र समरी ( Patanjali Yog Sutra Pdf )
आपको पतंजली योगा सूत्र से बहुत ही अच्छी जानकारी मिलेगी। पतंजली योग सूत्र का हर एक वाक्य रहस्यों से भरा हुआ है। इसीलिए उसके अनुवाद में बहुत अधिक सावधानी बरती गई है।
पतंजली की भाषा पर बहुत ही गजब की पकड़ थी और इसका उदाहरण यह है कि एक बार की बात है व्याघ्रपात और योगी नंदिकेश्वर ने पतंजली पर कोई प्रमोद किया।
जैसा कि वे ऐसा करते रहते थे और यह हंसी मजाक स्वस्थ होता था। लेकिन उस दिन पतंजली ने कहा कि मैं एक ऐसी रचना करूँगा जिसमे सिंह और पैर नहीं होगा।
यहां पर सिंह का अर्थ व्याघ्र और पैर का अर्थ योगी से था। इस शब्दों के प्रयोग के बगैर ही महर्षि पतंजली ने एक अद्भुत रचना की।
उन्होंने पतंजली Yoga Sutra की रचना की और उसे ऐसा लिखा कि वह एक मंत्र के समान हो गया। पतंजली योग सूत्र चार भागो में है।
1. समाधि पद – (51 सूत्र)
2. साधना पद – (55 सूत्र)
3. विभूति पद – (55 सूत्र)
4. कैवल्य पद – (34 सूत्र)
आप पतंजली योग सूत्र को अवश्य ही पढ़े आपको यहां से बहुत ही बढियां जानकारी प्राप्त होगी।
Baba Ramdev Yoga Book in Hindi Pdf बाबा रामदेव योग बुक PDF Free
बाबा रामदेव के बारे में आज कौन नहीं जानता है। भारत के साथ ही कई देशो में वे बेहद प्रसिद्ध है। बाबा रामदेव ने योग को बढ़ाने में बहुत मदद की है।
उनके द्वारा बताये गए योग के माध्यम से बिभिन्न प्रकार के रोगो का इलाज करने में सहायक होता है या फिर वह रोग ठीक ही हो जाता है।
आइये बाबा रामदेव द्वारा सिखाये जाने वाले कुछ Popular Yoga के बारे में जानते है।
1- कपालभाति प्राणायाम।
2- अनुलोम विलोम प्राणायाम।
3- वाह्य प्राणायाम।
4- भ्रामरी प्राणायाम।
5- भस्त्रि का प्राणायाम।
बाबा रामदेव योग को बहुत ही आसान तरीके से सिखाते है जिससे आप उन्हें अपने घर से भी कर सकते है। अब आइये उपरोक्त प्राणायामों के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते है।
कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayam In Hindi)
सर्वप्रथम सामान्य स्वास के साथ आरामदायक आसन में बैठ जाये। उसके बाद सामान्य रूप से स्वास अंदर और बाहर छोड़े। उसके बाद धीरे-धीरे तनाव को दूर करे। कोई जल्दीबाजी नहीं आराम-आराम से प्रयास करे और जब थक जाए तो एक ब्रेक ले। आप You Tube में भी देख सकते है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayam In Hindi)
सर्वप्रथम अपनी आंखे बंद करके पद्मासद में बैठ जाये और हाथो को अपने घुटने पर रख ले। उसके बाद अपने अंगूठे से नाक के पहले छिद्र को बंद करे और धीरे-धीरे स्वास को अंदर ले और उसके बाद दूसरी नाक को बंद करे और पहली नाक के छिद्र से धीरे-धीरे स्वास को छोड़े। कम से कम 5 मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराये। सहायता के लिए You Tube में वीडियो देख सकते है।
वाह्य प्राणायाम
इस प्राणायाम को कपालभाति के माध्यम से किया जाता है। इसमें स्वास बाहर की तरफ जाती है। आप You Tube में वीडियो देख सकते है।
भ्रामरी प्राणायाम
अब हम आपको Bhramari Pranayam In Hindi बताने जा रहा है। इस प्राणायाम को करते समय जब आप स्वास लेते और छोड़ते है तब मक्खी के गुनगुनाने जैसी आवाज आती है। इसीलिए इसे भ्रामरी प्राणायाम कहा जाता है। इस प्राणायाम में दिमाग शांत होता है।
भस्त्रिका प्राणायाम
अब हम आपको Bhastri ka Pranayam In Hindi बताने जा रहे है। इस प्राणायाम में तीव्र गति से स्वास ली जाती है और उसकी दोगुनी गति से स्वास छोड़ी जाती है।
महर्षि पतंजलि योग सूत्र Pdf Download


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