राधा रानी के 1008 नाम का जाप करने से मनुष्य को बहुत लाभ मिलता है। उनके सभी कष्ट दूर होते हैं। आप नीचे की लिंक से Radha Rani Ke 1008 Nam Pdf डाउनलोड कर सकते हैं।
वन्दे वृन्दावनानन्दा राधिका परमेश्वरी ।
गोपिकां परमां श्रेष्ठां ह्लादिनीं शक्तिरूपिणीम् ॥
श्रीराधां परमाराज्यां कृष्णसेवापरायणाम् ।
श्रीकृष्णाङ्ग सदाध्यात्री नवधाभक्तिकारिणी ॥
येषां गुणमयी-राधा वृषभानुकुमारिका ।
दामोदरप्रिया-राधा मनोभीष्टप्रदायिनी ॥
तस्या नामसहस्रं त्वं श्रुणु भागवतोत्तमा ॥
मानसतन्त्रे अनुष्टुप्छन्दसे अकारादि क्षकारान्तानि
श्रीराधिकासहस्रनामानि ॥
अथ स्तोत्रम् ।
ॐ अनन्तरूपिणी-राधा अपारगुणसागरा ।
अध्यक्षरा आदिरूपा अनादिराशेश्वरी ॥ 1॥
अणिमादि सिद्धिदात्री अधिदेवी अधीश्वरी ।
अष्टसिद्धिप्रदादेवी अभया अखिलेश्वरी ॥ 2॥
अनङ्गमञ्जरीभग्ना अनङ्गदर्पनाशिनी ।
अनुकम्पाप्रदा-राधा अपराधप्रणाशिनी ॥ 3॥
अन्तर्वेत्री अधिष्ठात्री अन्तर्यामी सनातनी ।
अमला अबला बाला अतुला च अनूपमा ॥ 4॥
अशेषगुणसम्पन्ना अन्तःकरणवासिनी ।
अच्युता रमणी आद्या अङ्गरागविधायिनी ॥ 5॥
अरविन्दपदद्वन्द्वा अध्यक्षा परमेश्वरी ।
अवनीधारिणीदेवी अचिन्त्याद्भुतरूपिणी ॥ 6॥
अशेषगुणसाराच अशोकाशोकनाशिनी ।
अभीष्टदा अंशमुखी अक्षयाद्भुतरूपिणी ॥ 7॥
अवलम्बा अधिष्ठात्री अकिञ्चनवरप्रदा ।
अखिलानन्दिनी आद्या अयाना कृष्णमोहिनी ॥ 8॥
अवधीसर्वशास्त्राणामापदुद्धारिणी शुभा ।
आह्लादिनी आदिशक्तिरन्नदा अभयापि च ॥ 9॥
अन्नपूर्णा अहोधन्या अतुल्या अभयप्रदा ।
इन्दुमुखी दिव्यहासा इष्टभक्तिप्रदायिनी ॥ 10॥
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