मित्रों इस पोस्ट में Raskhan Granthavali PDF दिया जा रहा है। आप नीचे की लिंक से Raskhan Granthavali PDF Download कर सकते हैं और आप यहां से Samarth Ramdas Swami PDF Download कर सकते हैं।
Raskhan Granthavali PDF
1- भक्ति भावना– यों तो रसखान के सभी छंद भक्ति भावना से ओत प्रोत है किन्तु इस शीर्षक के अंतर्गत रखे गए छंदो की भक्ति भावना में एक विशेषता यह है कि इसमें कवि प्रत्यक्ष रूप से भक्त के रूप में परिलक्षित होता है। वह कृष्ण तथा उनकी जन्म भूमि ब्रज के प्रति अनन्य प्रेम प्रदर्शित करता हुआ कहता है।
कि यदि मुझे मनुष्य की योनि मिले तो मैं वही मनुष्य बन सकूं जो ब्रज के गोकुल गाँव में निवास कर सकूँ। यदि पशु योनि मिले तो नंद की गाय बनूँ। यदि पत्थर का जन्म मिले तो गोवर्धन पर्वत की शिला बनूं और पक्षी की योनि मिले तो यमुना तट पर उगे हुए कदंब वृक्ष की डाली पर बैठकर सानंद चहचहाता रहूं।
रसखान अपने शारीरिक अंगो की सार्थकता भी इसी में मानते है कि वे ईश्वरोनन्मुख हो। इसीलिए ये रचना की सार्थकता कृष्ण जाप में, हाथो की कुञ्ज कुटीरो की सफाई करने में ही मानते है। अपने आराध्य देव कृष्ण की जन्म भूमि ब्रज से इन्हे इतना प्रेम है।
कि उसके एक एक कण पर ये समस्त सिद्धियों और समृद्धियो को न्यौछावर करने की क्षमता रखते है। भक्त को अपने भगवान पर दृढ एवं अटल विश्वास होता है। उसकी सरक्षता प्राप्त करके वह स्वयं को हर प्रकार के संकटो से मुक्त मानता है। डाउनलोड करने के लिए नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करे।
पुस्तक का नाम | रसखान ग्रन्थावली Pdf |
पुस्तक के लेखक | देशराज सिंह भाटी |
भाषा | हिंदी |
साइज | 13.7 Mb |
पृष्ठ | 368 |
Raskhan Granthavali PDF Download
Note- हम कॉपीराइट का पूरा सम्मान करते हैं। इस वेबसाइट Pdf Books Hindi द्वारा दी जा रही बुक्स, नोवेल्स इंटरनेट से ली गयी है। अतः आपसे निवेदन है कि अगर किसी भी बुक्स, नावेल के अधिकार क्षेत्र से या अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो आप हमें abhishekpandit8767@gmail.com पर सूचित करें। हम निश्चित ही उस बुक को हटा लेंगे।
मित्रों यह पोस्ट Raskhan Granthavali PDF आपको कैसी लगी जरूर बताएं और इस तरह की दूसरी पोस्ट के लिए इस ब्लॉग को सब्स्क्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें और फेसबुक पेज को लाइक भी करें, वहाँ आपको नयी बुक्स, नावेल, कॉमिक्स की जानकारी मिलती रहेगी।