ऋग्वेद हिंदी Pdf | Rigveda in Hindi Pdf Download

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Rigveda in Hindi Pdf

 

 

 

 

 

 

 

प्राचीन काल में भी आसमान में उड़ने वाले गुब्बारे,पैराशूट ,विजली जैसे उपकरण विद्यमान थे। उस काल में अंतरिक्ष में उड़ने वाले यान ,विजली और वायुयान का विकास हुआ था। इसका उल्लेख वैदिक काल के ग्रंथों में वर्णित है। इस कार्य के लिए वैज्ञानिक ऋषिओं के क्रम में अगस्त्य ऋषि का उल्लेख है।

 

 

 

बिजली के वल्व के अविष्कारक माइकल थामस ने लिखा है -मैं एक बार रात में संस्कृत का एक वाक्य पढ़ते -पढ़ते सो गया और स्वप्न में मुझे संस्कृत के उस वचन का अर्थ समझ में आ गया ,जिसकी सहायता से मैं वल्व बना सका।

 

 

 

महर्षि अगस्त्य ने सर्व प्रथम ऋग्वेद के प्रथम मंडल के १६५ सूक्त से १९१ तक के सूक्तों को बताया था। महर्षि अगस्त्य कौशल नरेश महाराज दशरथ के राज गुरु भी थे। महर्षि अगस्त्य को मन्त्र दृष्टा कहा जाता है ,क्यों कि ?उन्होंने अपने तपस्या काल में ही मंत्रों की शक्ति को पहचान लिया था।

 

 

 

ऋग्वेद –

 

 

ईश्वर द्वारा मानव के लिए प्रदत्त वह ज्ञान जो मंत्र ,श्लोक या फिर सुक्तियो के द्वारा प्रकट हुआ ,उन सभी ज्ञान को वेद कहा गया है। सूक्त उसे कहा जाता है ,जो बहुत सुंदर ढंग से कहा गया हो ,कई मंत्रों को मिला कर लिखा गया किसी बात का वर्णन सुंदर ढंग से करना ही सूक्त कहा जाता है। वेद का संबंध ही ज्ञान से है और ज्ञान से मानव के ह्रदय और बुद्धि पर व्याप्त -तम – सदा के लिए मिट जाता है।

 

 

 

सृष्टि के आलोकित समय में ईश्वर ने जो ज्ञान मनुष्य के लिए प्रदान किया उस ज्ञान को ही अभी लोग वेद कहते हैं। हिन्दू धर्म में ४ वेदों का उल्लेख मिलता है , १ -ऋग्वेद। -२ – साम वेद। -३- अथर्व वेद। -४- यजुर्वेद। ऋग्वेद में गुण से संबंधित ज्ञान का बर्णन हुआ है। किसी भी गुणी चीजों का विश्लेषण ,प्रतिपादन ,तथा वर्णन को विज्ञानं कहा गया है।

 

 

 

ऋक और वेद शव्द को मिलाने पर जो शव्द वाक्य प्रकट होता है वह ऋग्वेद कहा जाता है ,ऋक शव्द का अर्थ संस्कृत में -स्तुति-होता है ,वेद भगवान की वाणी है ,स्तुति यानि की गुण ,स्तुति करने का अर्थ गुणगान करना ,वेद को अपने श्री मुख से कहने वाले भगवान का गुणगान करना।

 

 

 

महर्षि वेदव्यास को -व्यास – के नाम से भी जाना जाता है। भगवान द्वारा कहे गए -वेद-की व्याख्या वेदव्यास ने किया यानि कि गुणी के गुणों का  गुणगान वेद में किया गया है ,ऋग्वेद में देवताओं को भगवान का स्वरूप माना गया है। इंद्र , वरुण ,अग्नि की स्तुति (प्रशंसा ,गुणगान )किया गया है। ऋग्वेद में जीव तथा प्रकृति ,संसार के अनेक पदार्थों व् ज्ञान -विज्ञान का उल्लेख हुआ है।

 

 

 

उस समय के पूर्ण रूप से विकसित आर्यों के रीति – रिवाज व्यवहार तथा उनके रहन-सहन का उल्लेख किया गया है। ऋग्वेद में मनुष्यों के दोषों का यथा -विश्वासघात , चोरी ,तथा अन्य अपराधों का वर्णन मिलता है।

 

 

 

ऋग्वेद हिंदी Pdf Download

 

 

 

 

पुस्तक का नाम  Rigveda in Hindi Pdf
भाषा  हिंदी 
साइज  12 Mb
पृष्ठ  1853
श्रेणी  Dharmik Book Pdf 

 

 

Rigveda in Hindi Pdf Download

 

 

 

Atharva Veda Pdf In Hindi
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