मित्रों इस पोस्ट में Rogi Pariksha Vidhi PDF In Hindi दिया जा रहा है। आप नीचे की लिंक से Rogi Pariksha Vidhi PDF In Hindi Download कर सकते हैं और आप यहां से European Devotees PDF Hindi Download कर सकते हैं।
Rogi Pariksha Vidhi PDF
आयुर्वेद का प्रयोजन स्वस्थ पुरुष के स्वास्थ्य की रक्षा तथा आतुर के विकार का शमन करना हैं। आतुर के विकार की शान्ति उसकी पूर्ण परीक्षा पर निर्भर हैं। प्रथम आतुर की परीक्षा कर उसके आधार पर तद्गत विकार का विनिश्चय किया जाता हैं और तदनन्तर चिकित्सा के द्वारा उसकी शान्ति कर धातु-साम्य स्थापित किया जाता है।
अतएव आयुर्वेद का चरम उद्देश्य ‘धातुसाम्यक्रिया! बतलाया गया हैं। उपर्युक्त दृष्टिकोण से रोगविज्ञान का विषय दो भागों में विभक्त किया गया है।——-रोगि परीक्षा, रोग-परीक्षा। चिकित्सक को रोग-परीक्षा के अनन्तर ही चिकित्सा कर्म में प्रवृत्त होना चाहिए।
वैद्य सर्वप्रथम रोग की परीक्षा करे, उसके वाद औषध की परीक्षा करे और तव ज्ञानपूर्वंक चिकित्सा में पबृत्त हो। जो वैद्य रोग का ज्ञान प्राप्त किये विना चिकित्सा में प्रवृत्त होते हैं औपघ के ज्ञाता होने पर भी सयोगवश कभी-कभी सफल होते हैं, प्राय उन्हें असफलता ही मिलती है।
इसके विपरीत, जो चिकित्सक रोग का विशेष ज्ञान रखते है तथा सब ओपसयों की पूरी जानकारी आप्त कर उनका देश और काल के अनुसार अयोग करते हैँ उनकी सफलता निःसन्देह होती है। वस्तुत रोग का परिन्ञान कर रोगी की चेदना को शांत करना ही बेैद्य का प्रधान लक्ष्य है। डाउनलोड करने के लिए नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करे।
Rogi Pariksha Vidhi PDF In Hindi Download
पुस्तक का नाम | रोगी परीक्षा विधि Pdf |
पुस्तक के लेखक | प्रियव्रत शर्मा |
भाषा | हिंदी |
साइज | 16.4 Mb |
पृष्ठ | 450 |
Note- हम कॉपीराइट का पूरा सम्मान करते हैं। इस वेबसाइट Pdf Books Hindi द्वारा दी जा रही बुक्स, नोवेल्स इंटरनेट से ली गयी है। अतः आपसे निवेदन है कि अगर किसी भी बुक्स, नावेल के अधिकार क्षेत्र से या अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो आप हमें [email protected] पर सूचित करें। हम निश्चित ही उस बुक को हटा लेंगे।
मित्रों यह पोस्ट Rogi Pariksha Vidhi PDF In Hindi आपको कैसी लगी जरूर बताएं और इस तरह की दूसरी पोस्ट के लिए इस ब्लॉग को सब्स्क्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें और फेसबुक पेज को लाइक भी करें, वहाँ आपको नयी बुक्स, नावेल, कॉमिक्स की जानकारी मिलती रहेगी।