नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Rudri Path Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Rudri Path Pdf Download कर सकते हैं और यहां से Apsara Sadhana Book Pdf कर सकते हैं और Kak Bhusundi Ramayan Pdf कर सकते हैं।

 

 

 

Rudri Path Pdf Download

 

 

 

Rudri Path Pdf
Rudri Path Pdf यहां से डाउनलोड करे।

 

 

 

शिव सहस्रनाम Pdf Download

 

 

 

 

 

 

 

 

Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।

 

 

 

यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें newsbyabhi247@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।

 

 

 

सिर्फ पढ़ने के लिये 

 

 

 

जिन्होंने कभी इस झील में प्रवेश करने का प्रयास किया वह सभी पत्थर बन गए है। झील के मध्य जो स्थान द्दिख रहा है वही पर प्रबोध महाराज का आश्रम है इतना कहते हुए जल दैत्य वहां से चला गया। एक बार पुनः मिलन के सामने यक्ष प्रश्न उपस्थित हो गया वह किस प्रकार से प्रबोध महाराज के आश्रम में पहुंचेगा?

 

 

 

 

मिलन हताश होकर सोचने लगा। वह क्यों असंभव कार्य के पीछे लगा हुआ है उसे वापस लौट जाना चाहिए। मिलन को ऐसा लगा जैसे कोई कह रहा है कि कार्य की सफलता नजदीक होने पर उसमे अधिक कठिनाइया उत्पन्न होती है जो उन कठिनाइयों से विचलित नहीं होता है उसे ही कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

 

 

 

 

इन बातों से मिलन के अंदर साहस जागृत हो गया उसे याद आ गया कि उसके पास महात्मा पुनीत द्वारा प्रदान की गयी वह स्वर्ण अगूंठी है जिसके प्रभाव से पानी पर चलना और आकाश में उड़ना भी संभव है। वह शक्ति से पूर्ण मत्स्य रानी का दिया हुआ पत्थर है जो कठिन समय पर सहायता कर सकता है।

 

 

 

 

मिलन का विश्वास बढ़ गया था। वह झील में उतरने का प्रयास करने लगा। अपने पहले ही प्रयास में मिलन डूबने लगा लेकिन तभी उसे पकड़कर कोई ऊपर की तरफ खींच लिया। झील में लाल और नीले रंग के कमल खिले हुए थे। झील में बड़े जन्तुओ के साथ ही छोटी बड़ी मछलियां भी तैर रही थी।

 

 

 

 

प्रबोध महाराज के प्रभाव से किसी जंतु के मध्य बैर भाव नहीं था। मिलन सावधानी पूर्वक बड़े पत्थरो के ऊपर पैर रखते हुए झील के दूसरे किनारे तक पहुँच गया तभी जोरदार तूफान आया। मिलन झील में गिरते-गिरते बचा वह बड़े पत्थर पर चिपक कर बैठ गया।

 

 

 

 

कुछ पल के उपरांत तूफान शांत हुआ तब मिलन झील के मध्य टापू के उपर चढ़ने के प्रयास में सफल हो गया। उस टापू पर एक आश्रम दिख रहा था जो अत्यंत जीर्ण अवस्था में था। मिलन उस जीर्ण हो गए आश्रम में झांककर देखा वहां एक मनुष्य निद्रावस्था में लेटा हुआ था।

 

 

 

 

उसकी दाढ़ी और सिर की जटाएं बहुत बढ़ी हुई थी और अस्त व्यस्त हो गयी गयी थी। मिलन के अनुमान के अनुसार वही प्रबोध महाराज थे। मिलन प्रबोध महाराज के जागने की राह देखने लगा। मिलन अपने समय का उपयोग आश्रम की साफ सफाई में करने लगा।

 

 

 

 

मिलन अपने प्रयास से आश्रम को नया स्वरुप प्रदान कर दिया। टापू की सभी जगह की सफाई करने में लग गया। प्रबोध महाराज के जागने का समय समीप आ रहा था। वह नींद से जागने के बाद भूखे होने के कारण आश्रम के सामने पीपल के पेड़ को खाने का प्रयास करते थे।

 

 

 

मित्रों यह पोस्ट Rudri Path Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Rudri Path Pdf की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें और इसे शेयर भी करें।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *