शाबर मंत्र बुक डाउनलोड | Shabar Mantra Book in Hindi Pdf

इस पोस्ट में Shabar Mantra Book in Hindi Pdf दिया जा रहा है। शाबर मंत्र बुक की Pdf Size 670 MB है और इसमें कुल 643 पेज हैं। आप नीचे की लिंक से शाबर मंत्र बुक डाउनलोड कर सकते हैं और आप यहां से Sunderkand in Hindi Gita Press Pdf Download कर सकते हैं।

 

 

 

 

Shabar Mantra Book in Hindi PDF 

 

 

 

 

 

 

चंडी पाठ Pdf Download

 

 

 

ॐ नमो आदेश गुरु का धरती में बेठया लोहे का पिण्ड राख लगाता गुरु गोरखनाथ आवन्ता जावन्ता धावन्ता हाँक दे धार-धार मार-मार शब्द साँचा, फुरो वाचा।

 

 

 

 

किसी शुभ रवि या मड्जनल के दिन अथवा अन्य किसी अति शुभ मुहूर्त में प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर शुद्ध स्थान पर मृगचर्म के आसन पर बेठकर पूर्व की ओर मुह करके यह मन्त्र १०८ बार पढ़ें। तत्पश्चात आम की लकड़ी की आग में इसी मन्त्र को १०८ बार पढ़ते हुए खीर की आहुति देकर हवन करें। इसके प्रभाव से कलह, विद्वेष, दुर्घटनाएं आदि समाप्त होकर वातावरण शान्तिमय हो जाता है।

 

 

 

बिनि कबूत पवनसुत हनुमन्त धाव हन हन रावन कूट मिरावन श्रवइ अण्ड खेतहि श्रवड़ अण्ड अण्ड बिहण्ड खेतहि श्रवड़ वाजं गर्भ हि श्रवड़ स्‍त्री चीलहि श्रावहि शाप हर हर जम्बीर हर जम्बीर हर हर हर।

 

 

 

पहले किसी दीपावली, ग्रहण जेंसे पर्व के अवसर पर इसे १०८ बार जपकर २१ बार पढ़ते हुए हवन द्वारा सिद्ध कर लें। तदुपरान्त प्रयोग में लायें। जिस स्थान में सर्प होने की संभावना हो, वहाँ मिट्टी का एक छोटा-सा ढेला इसी मन्त्र को पढ़ते हुए सात बार फूँककर उस बिल, छेद या दरार के मुख पर रख देना चाहिए। साँप भाग जायेगा।

 

 

 

 

समस्त उपद्रव नाशक मन्त्र ३७ नमो आदेश गुरु का धरती में बेठया लोहे का पिण्ड राख लगाता गुरु गोरखनाथ आवन्ता जावन्ता धावन्ता हाँक दे धार-धार मार-मार शब्द साँचा, फुरो वाचा। किसी शुभ रवि या मड्जनल के दिन अथवा अन्य किसी अति शुभ मुहूर्त में प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर शुद्ध स्थान पर मृगचर्म के आसन पर बेठकर पूर्व की ओर मुह करके यह मन्त्र १०८ बार पढ़ें।

 

 

 

 

तत्पश्चात आम की लकड़ी की आग में इसी मन्त्र को १०८ बार पढ़ते हुए खीर की आहुति देकर हवन करें। इसके प्रभाव से कलह, विद्वेष, दुर्घटनाएं आदि समाप्त होकर वातावरण शान्तिमय हो जाता है। अभिचार – प्रभावनाशक मन्त्र ३» आहूता मन्दरश्म यजाज्वल्यं जम जम जम ३» गाहि गाहि गाहि।

 

 

 

किसी भी रवि या मड्गल के दिन इस मन्त्र को १०८ बार एकान्त में शुद्ध होकर जप लें ओर लोबान की आहुतियाँ देकर १०८ बार मन्त्र पढ़ते हुए ही हवन करें। इस तरह यह मन्त्र सिद्ध हो जायेगा। इसके बाद जब कभी आवश्यकता पड़े, कोई व्यक्ति जादू-टोना, अभिचार मूठ या कृत्या चलाव से परेशान हो तो उसे सामने बिठाकर अग्नि में धतूरे के बीजों की (हवन-सामग्री की भाँति) आहुति देते हुए सात बार यह मन्त्र पढ़ें।

 

 

 

 

हवनकुण्ड का धुआँ रोगी को लगता रहे–ऐसी व्यवस्था कर लें, प्रतिदिन ७ या २१ बार धतुरे के बीजों की आहुति दें। यह क्रिया लगातर ७ दिनों तक चलती रहे। इसके प्रभाव से सारे उपद्रव समाप्त हो जाते हैं। बुद्धि की अ्रष्टता, अस्वाभाविक चेष्टाएँ, उन्मत्तता, प्रलाप आदि सारे दोष मिट जाते हैं।

 

 

 

 

ध्यान रहे कि अभिचार क्रियाएँ कई तरह से की जाती हैं–व्यक्ति पर पानी, भभूत या अन्य कोई वस्तु छिड़क कर, खाने-पीने की वस्तु में कोई तान्त्रिक प्रभाव उत्पन्न करके, अभिचारित पदार्थ या जल पिलाकर, मन्त्र द्वारा फूँककर, पहिनने के कपडों में ऐसा ही कुछ करके–व्यक्ति को असामान्य, रोगी, विक्षिप्त बना दिया जाता है। उपर्युक्त मन्त्र के प्रभाव से यह समस्त बाधाएं शान्त हो जाती हैं।

 

 

 

शाबर मंत्र बुक डाउनलोड

 

 

 

 

पुस्तक का नाम  Shabar Mantra Book in Hindi Pdf
लेखक  श्री एस. एन. खंडेलवाल
भाषा  हिंदी 
साइज  670 MB
पृष्ठ  643
श्रेणी  तंत्र – मंत्र 

 

 

 

 

Shabar Mantra Book in Hindi Pdf

 

 

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