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Shivraj Vijayam Pdf Download

 

 

 

पुस्तक का नाम  शिवराज विजयम Pdf
पुस्तक के लेखक  देव नारायण मिश्र 
भाषा  हिंदी 
फॉर्मेट  Pdf 
साइज  9.24 Mb 
कुल पृष्ठ  291 
श्रेणी  इतिहास 

 

 

 

 

Shivraj Vijayam Pdf
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सिर्फ पढ़ने के लिये 

 

 

 

मैं उस अदृश्य शक्ति को शाप देती हूँ वह सरोवर की परिधि से बाहर निकलते ही पत्थर की मूर्ति का स्वरुप ग्रहण कर लेगा। लेकिन तुम उस अदृश्य शक्ति को अपने साथ परीलोक में लेकर आ सकती हो लेकिन क्या वह अदृश्य शक्ति तुम लोगो को पहले की भांति शक्ति से पूर्ण कर सकती है?

 

 

 

 

रानी परी सुलेखा और सुमन परी ने महारानी कुमुद से कहा – हम उस अदृश्य शक्ति से विनती करके अपनी खोई हुई शक्ति को प्राप्त करने का प्रयास अवश्य करेंगे। महारानी कुमुद परीलोक चली गयी। मत्स्य पत्थर ज्योति स्वरूपा किन्नर से बोला – स्वामी! आप प्रकट होकर अब इन दोनों को शक्ति सम्पन्न कर दीजिए।

 

 

 

 

एक प्रकाश पुंज के माध्यम से ज्योति स्वरूपा किन्नर प्रकट हो गया। उसने अपने हाथ की सुवर्ण अंगूठी की शक्ति से सुमन और सुलेखा को पूर्व की भांति शक्ति सम्पन्न कर दिया। सुलेखा सुमन और ज्योति स्वरूपा किन्नर के बीच भली प्रकार ताल मेल था।

 

 

 

 

इस प्रकार से तीनो ने बहुत दिन तक उस स्वर्ण सरोवर पर निवास किया। एक दिन रानी परी सुलेखा ने सुमन परी से कहा – सुमन! हमे यहां से अब परीलोक चलने का प्रयास करना चाहिए। सुमन परी बोली – क्या ज्योति स्वरूपा किन्नर के बिना हम लोगो का परीलोक जाना संभव हो सकता है?

 

 

 

 

रानी परी बोली – तुम ठीक कहती हो सुलेखा। हम ज्योति स्वरूपा के बिना परीलोक जाने का प्रयास करेंगे तो वह हम दोनों को शक्ति विहीन करके अपने साथ रहने के लिए मजबूर कर सकता है। सुमन परी बोली – तब हमे ऐसी अवस्था में क्या करना चाहिए?

 

 

 

 

रानी परी सुलेखा बोली – हम ज्योति स्वरूपा किन्नर को भी अपने साथ लेकर परीलोक जायेंगे वहां हमारे मध्य उसे कोई परेशानी नहीं होगी। परीलोक में सिर्फ मनुष्यो को आने के लिए प्रतिबंध है। रानी परी स्वर्ण सरोवर के दूसरे किनारे पर विचरण कर रही थी।

 

 

 

 

मौका देखकर ज्योति स्वरूपा किन्नर मिलन के रूप में परिवर्तित हो गया और सुमन परी से बातें करने लगा। मिलन को प्रत्यक्ष अपने समीप देखकर सुमन परी बहुत प्रसन्न थी। मिलन सुमन परी से पूछा – क्या रानी परी सुलेखा को सही स्थिति ज्ञात है?

 

 

 

 

सुमन परी ने मिलन से कहा – हमारे द्वारा ही रानी परी सुलेखा को तुम्हारी स्थिति ज्ञात हो चुकी है। मिलन सुमन परी से बोला – तब रूप परिवर्तन करने से कोई लाभ नहीं है। स्वर्ण सरोवर की स्थिति पूर्ववत हो गयी थी। परीलोक से फिर सभी परियो का समूह स्नान करने के लिए आने लगा था।

 

 

 

 

सुमन परी मिलन और रानी परी सुलेखा प्रतिदिन चौपड़ खेलने में व्यस्त रहते थे। अभिमंत्रित कच्छप और मत्स्य पत्थर ने अपने शक्ति से ऐसी व्यवस्था कर रखा था कि सुमन परी और रानी परी सुलेखा के अलावा मिलन सभी के लिए अदृश्य ही रहता था

 

 

 

 

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