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पुस्तक का नाम | तात्कालिक भृगु प्रश्नावली |
पुस्तक के लेखक | Dr. Narottam Pujari |
पुस्तक की भाषा | हिंदी |
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श्रेणी | ज्योतिष |
सिर्फ पढ़ने के लिए
हे रावण! जिसको तुमने बड़ा योद्धा कहकर सराहना किया है वह तो सुग्रीव का एक छोटा सा दौड़कर चलने वाला हरकारा है। वह बहुत चलता है वीर नहीं है। उसको तो हमने केवल खबर लेने के लिए भेजा था।
23- दोहा का अर्थ-
क्या सचमुच ही उस वानर ने बिना प्रभु की आज्ञा से ही तुम्हारा नगर विध्वंस कर दिया? मालूम होता है इस डर से ही वह सुग्रीव के पास लौटकर नहीं गया और जाकर कही छिप गया।
हे रावण! तुम सब सत्य ही कहते हो मुझे सुनकर कुछ भी कोह नहीं है। सचमुच हमारी सेना में कोई भी ऐसा नहीं है जो तुमसे लड़ने में शोभा पाए।
प्रीति और बैर बराबरी वाले से ही करना चाहिए ऐसी ही नीति है। सिंह यदि मेढ़को को हानि पहुंचाए तो उसे क्या कोई भला कहेगा?
यद्यपि तुम्हारी हानि करने में श्री राम जी की लघुता है और बड़ा दोष भी है। तथापि हे रावण! सुनो, क्षत्रिय का कोप बड़ा कठिन होता है।
वक्रोति रूपी धनु से वचन रूपी छोड़कर अंगद ने शत्रु का हृदय तप्त कर दिया। वीर रावण को मानो प्रत्युत्तर रूपी संडसी से निकाल रहा है।
तब रावण हंसकर बोला – बंदर में यह बड़ा गुण है कि जो उसे पालता है वह अनेक उपायों से उसका भला करने की चेष्टा करता है।
चौपाई का अर्थ-
बंदर वो धन्य है जो अपने मालिक के लिए लाज छोड़कर जहां-तहां नाचता है। नाच-कूदकर लोगो को रिझाकर मालिक का हित करता है। यह उसके धर्म की निपुणता है।

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