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Upadeshamrit PDF
जब तक प्राणियों में प्रकृति की देन “मातृ प्रेम” है तब तक सृष्टि का सृजन होता रहेगा। जब “मातृ प्रेम” समाप्त हो जायेगा तब सृष्टि का भी अंत हो जायेगा। जो माता पिता व बड़ो का हृदय से आदर व सेवा करता है व मान देता है वह जीवन में हमेशा उनके हार्दिक आशीर्वाद व शुभकामनाओ से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेगा व प्रसन्नचित्त रहेगा।
उसकी भगवान स्वयं रक्षा व सहायता करते है ऐसे कई उदाहरण है। जो अहंकार रहित है सरल चित्त है जिनके हृदय में दया का अपार समुद्र है वह भगवान के बहुत ही निकट है इसके विपरीत अहंकारी निर्दयी व आडंबर वालो से भगवान कोसो दूर रहते है।
जानवरो में मनुष्य जैसी समझ नहीं है परन्तु फिर भी भगवान ने उन्हें तीन चीजों का ज्ञान दिया है पहली सुरक्षा दूसरी भोजन जुटाना तीसरी बात अपने रहने के लिए सुरक्षित स्थान का प्रबंध करना। आजकल संचार माध्यमों में टीवी पत्र पत्रिका और फिल्म इत्यादि में विदेशी संस्कति का बोलबाला है।
ऐसी स्थितियों में आने वाली पीढ़ियों व भारतीय संस्कृति का क्या हाल होगा यह विचारणीय प्रश्न है। दीन दुखियो की सेवा सच्चे हृदय से व निस्वार्थ भाव से कर भगवान को पाया जा सकता है। सेवा से जो संतोष उनके हृदय को मिलता है उससे प्राप्त आशीर्वाद उन्हें भगवान तक पहुंचाने में होता है। डाउनलोड करने के लिए नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करे।
Upadeshamrit PDF In Hindi Download
पुस्तक का नाम | उपदेशामृत Pdf |
पुस्तक के लेखक | — |
भाषा | हिंदी |
साइज | 102 Kb |
पृष्ठ | 27 |
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