All Upanishad Pdf In Hindi | 108 उपनिषद Pdf

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सिर्फ पढ़ने के लिये 

 

 

अब वही हुआ जिसका सबको डर था। महारानी कुमुद ने दरबार में उपस्थित लोगो से कहा – मुझे वही स्वर्ण आम चाहिए क्या यहां उपस्थित कोई भी स्वर्ण आम लाने के लिए प्रयास करने के लिए तैयार है? महारानी की बात सुनकर सभा के मध्य एकदम शांति व्याप्त हो गयी।

 

 

 

 

कोई भी स्वर्ण आम लाने के लिए परीलोक की सुविधाओं का परित्याग नहीं करना चाहता था। सुमन परी महारानी कुमुद से बोली – अगर आप आज्ञा प्रदान करे तो हम लोग ज्योति स्वरूपा से सहयोग लेने का प्रयास कर सकते है। महारानी कुमुद ने सुमन परी से कहा – मैं आज्ञा प्रदान करती हूँ तुम लोग ज्योति स्वरूपा से स्वर्ण आम लाने के लिए कह सकती हो।

 

 

 

 

ज्योति स्वरूपा किन्नर एक सामान्य किन्नर की भांति दरबार में बैठी थी। सुमन परी उसे बुलाकर महारानी का आदेश कह दिया। तुम्हे स्वर्ण आम लाकर महारानी को देना है। ज्योति स्वरूपा तैयार हो गयी और महारानी से बोली – महारानी! स्वर्ण आम लाने में कम  से कम छः महीने लग सकते है अथवा कम भी लग सकते है।

 

 

 

 

महारानी बोली – तुम अपनी सहायता के लिए यहां से किसी को भी अपने साथ ले जा सकते हो। किन्नर ज्योति स्वरूपा बोली – आप सुमन और सुलेखा को हमारे साथ चलने के लिए कह दीजिए जो आवश्यकता पड़ने पर हमारी सहायता कर सकती है।

 

 

 

 

सुमन और सुलेखा किन्नर ज्योति स्वरूपा के साथ स्वर्ण आम की खोज में चल पड़ी। ज्योति स्वरूपा तो पहले से ही शक्ति सम्पन्न थी। ऊपर से सुमन परी और रानी परी सुलेखा का सहयोग प्राप्त था। वह दोनों के साथ धरती पर भ्रमण करते हुए आनंद प्राप्त करता था।

 

 

 

 

परीलोक से चलने के पश्चात ज्योति स्वरूपा ने मिलन का स्वरूप ग्रहण कर लिया था अब रानी परी सुलेखा को भी ज्योति स्वरूपा किन्नर और उसकी शक्ति का राज मालूम हो गया था। सुमन और सुलेखा एक दिन मिलन से बोली – मिलन! क्या हम लोग अपने उद्देश्य से भटक गए है।

 

 

 

 

मिलन उन दोनों से बोला – हम अपने उद्देश्य से भटके हुए नहीं है अपितु हम इस अवसर का ज्यादा से ज्यादा आनंद प्राप्त करने की कोशिस कर रहे है पता नहीं ऐसा अवसर फिर कब मिले। मिलन की इस चालाकी भरी बात सुनकर दोनों प्रसन्न हो गयी और बोली – मिलन तुम्हे महारानी की आज्ञा से पुनः इस धरती पर आना चाहिए।

 

 

 

 

ऐसा नहीं करने पर महारानी कुमुद की शक्ति और तुम्हारे मध्य हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहेगी और इसमें किसी की भी हानि हम दोनों के लिए अच्छी स्थिति नहीं प्रदान कर सकती है। मिलन सुमन और सुलेखा से पूछा – तब हमे क्या करना चाहिए?

 

 

 

 

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