वामन पुराण Pdf | Vaman Puran PDF In Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज के पोस्ट में हम Vaman Puran PDF In Hindi के बारे में जानेंगे और आप Vaman Puran PDF In Hindi को नीचे दी गयी लिंक से DOWNLOAD कर सकते है साथ ही आप All Puran Pdf in Hindi को भी डाउनलोड कर सकते है।

 

 

 

 

Vaman Puran PDF In Hindi

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Vaman Puran PDF In Hindi

 

 

पुलत्स्य जी बोले – महादेव जी से इस प्रकार कठोर तथा ओजस्वी एवं सत्य होने पर भी असत्य प्रतीत हो रहे वचन को सुनकर सती जी बहुत डर गयी और स्वामी के निवासकष्ट को देखकर गर्म सांस छोड़ती हुई और पृथ्वी की ओर देखती हुई क्रोध और लज्जा से इस प्रकार कहने लगी।

 

 

 

 

सती देवी बोली – देवेश! वृक्ष के मूल में दुःखपूर्वक रहकर भी मेरा वर्षाकाल कैसे व्यतीत होगा। इसीलिए तो मैं आपसे (गृह निर्माण की बात) कहती हूँ। शंकर जी बोले – देवि! मेय मंडल के ऊपर अपने शरीर को स्थित कर तुम वर्षाकाल भली भांति व्यतीत कर सकोगी। इससे वर्षा की जल धाराएं तुम्हारे शरीर पर नहीं गिर पायेंगी।

 

 

 

 

पुलत्स्य जी बोले – उसके बाद महादेव जी दक्षकन्या सती के साथ आकाश में उन्नत मेघमंडल के ऊपर चढ़कर बैठ गए। तभी से स्वर्ग में उन महादेव जी का नाम जीमूतकेतु या जीमूतवाहन विख्यात हो गया। इसप्रकार इस तीन नयन वाले भगवान शिव का वर्षाकाल मेघो पर बसते हुए ही व्यतीत हो गया।

 

 

 

 

हे मुने! तत्पश्चात लोगो को आनंद देने वाली रमणीय शरद ऋतु आ गयी। इस ऋतु में नीले मेघ आकाश को और बगुले वृक्ष को छोड़कर अलग हो जाते है। नदियां भी तट को छोड़कर बहने लगती है। इसमें कमल पुष्प सुगंध फैलाते है कौवे भी घोसलो को छोड़ देते है। पूरी किताब पढ़ने के आप नीचे की लिंक से इसे डाउनलोड करे। 

 

 

 

Vaman Puran PDF In Hindi Download

 

 

 

 

पुस्तक का नाम  वामन पुराण Pdf
भाषा  हिंदी 
साइज  10.4 Mb 
पृष्ठ  196 
लेखक 

 

 

 

 

Vaman Puran PDF In Hindi

 

 

 

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