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Vedic Astrology Books Pdf
सिर्फ पढ़ने के लिए
वहां वृक्षों पर अनेक प्रकार के फल-फूल शोभायमान हो रहे थे। पक्षी और पशुओ के समूह को देखकर तो वह मन में बहुत प्रसन्न हुए। सामने एक विशाल पर्वत देखकर हनुमान जी निडर होकर उसपर चढ़ गए।
शिव जी कहते है – हे उमा! इसमें कपि हनुमान की कुछ बड़ाई नहीं है। यह तो प्रभु का प्रताप है जो काल को भी खा जाता है। वह अत्यंत ऊँचा है और उसके चारो ओर समुद्र है। सोने के परकोटे का परम प्रकाश हो रहा है।
छंद का अर्थ-
विचित्र मणियों से जड़ा हुआ सोने का पर कोटा है उसके अंदर बहुत से सुंदर-सुंदर घर है। चौराहे, बाजार, सुंदर मार्ग और गलियां है, सुंदर नगर बहुत प्रकार से सजा हुआ है।
हाथी घोड़े खच्चरों के समूह तथा पैदल और रथ के समूह को कौन गिन सकता है। अनेक रूप वाले राक्षसों के समूह है उनकी अत्यंत बलवती सेना वर्णन करते नहीं बनती है।
वन, बाग़, उपवन, फुलवाड़ी, तालाब, कुए और बावलियां सुशोभित है। मनुष्य, नाग, देवता और गन्धर्वो की कन्याए अपने सौंदर्य से मुनियो के मन को मोह लेती है।
कही पर्वत के समान विशाल शरीर वाले बहुत बलवान मल्ल गरज रहे है, वह अनेक अखाड़े में भिड़ते है और एक दूसरे को ललकारते है। भयंकर शरीर वाले कोटि योद्धा यत्न करके नगर की चारो दिशाओ में रखवाली कर रहे है। तुलसीदास जी ने इनकी कथा को संक्षेप में कह दिया है क्योंकि यह निश्चय ही श्री राम जी तीर्थ में अपने शरीर को परम गति पाएंगे।
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