विष्णु सहस्रनाम Pdf | Vishnu Sahasranamam In Hindi Pdf Gita Press

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Vishnu Sahasranamam In Hindi Pdf

 

 

 

 

 

 

 

इस ब्रह्माण्ड के सारे जीव और प्राणियों के पालनकर्ता भगवान विष्णु है। जैसे एक छोटे बालक को उसके माता-पिता के द्वारा संरक्षण प्राप्त होता है उसी प्रकार ब्रह्माण्ड के सारे जीव और प्राणी भगवान विष्णु द्वारा संरक्षित रहते है। सारे चराचर जीव या स्थावर और जंगम सभी लोक के प्राणियों का भगवान विष्णु के द्वारा ही पालन पोषण किया जाता है और सभी प्राणियों में मानव विधाता की सर्वोच्च कृति है।

 

 

 

अतः जिस प्रकार छोटा बालक तरुण होने पर भी अपने पिता से अधिक लगाव रखता है तो पिता का लगाव उसपर बना रहता है पिता आखिरकार पिता ही रहता है। तरुण होने पर पुत्र का स्नेह स्वाभाविक रूप से पिता के प्रति कम हो जाता है लेकिन उसके पश्चात भी जो अपने पिता का ध्यान रखता है वही पिता के स्नेह का अधिकारी होता है।

 

 

 

उसी प्रकार जो परम पिता है उसके प्रति जीव का भी कुछ कर्तव्य बनता कि वह पूजा, साधना, स्मरण के द्वारा सदैव उनका ध्यान करता रहे जिससे उसके जीवन की गाडी सुचारु रूप से चलते हुए अंत में परम पिता के पास पहुंचने में सुगमता प्राप्त हो और ऐसा हम प्रतिदिन तथा व्रत के समय विष्णु सहस्र नाम का पाठ करते हुए कर सकते है।

 

 

 

एकादशी, अनंत चतुर्दशी, दीवाली, पुरुषोत्तम मास तथा तीर्थ क्षेत्र आदि अवसरों पर हम विष्णु सहस्र नाम का पाठ करते हुए उसके लाभ से अपना जीवन सुखमय बना सकते है।

 

 

 

विष्णु सहस्र नाम पाठ के लाभ

 

 

 

1- इस विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र के पाठ से घर में धन सम्पदा का कभी अभाव नहीं रहता है।

2- इसके प्रतिदिन पाठ करने से संतान पक्ष से सुख प्राप्त होता है।

3- नियमित पाठ करने से विवाह में आने वाली बाधाओं को शमन होता है।

4- अगर जातक के कुंडली में 6,8 और 12वे भाव में गुरु है तो विष्णु सहस्र नाम का पाठ करना उत्तम फलदायी होता है और गुरु की पीड़ा दूर होती है।

5- संतान की उत्पत्ति में विलंब हो रहा है तो इसका नियमित पाठ करना चाहिए जिससे संतान उत्पन्न की बाधा का शमन होता है।

6- एकादशी, जन्माष्टमी, रामनवमी, अनंत चतुर्दशी आदि व्रत के अवसरों पर विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र का पाठ करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

7- यदि किसी के दाम्पत्य जीवन में कठिनाई उत्पन्न हो रही है तो विष्णु और लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करके विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र का पाठ करने से कठिनाई का शमन होता है।

8- इसके पाठ से जीवन में प्रगति का निरंतर प्रवाह बना रहता है।

9- विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मनुष्य का भाग जागृत हो जाता है।

 

 

 

विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र के पाठ का नियम

 

 

 

1- पाठ करने के लिए पीले वस्त्र पहनकर ही पाठ करना उत्तम रहता है।

2- व्रत का पारण सात्विक और उत्तम भोजन से करना चाहिए।

3- पाठ करने के लिए श्रीविष्णु सहस्र नाम स्तोत्र की पुस्तक को ससम्मान पाट के आसन पर विराजमान करके पाठ करना चाहिए।

4- विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र का पाठ करने से पहले शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

5- मनोकामना की पूर्ति के लिए हर वृहस्पतिवार को पाठ करना शुभ होता है।

6- पाठ करने से पूर्व श्रीविष्णु जी की विधि विधान के अनुसार पूजा करने के पश्चात गुड़ का पीला मिष्ठान्न अर्पित करना चाहिए।

7- पाठ करने के पश्चात श्रीहरि विष्णु जी की पुनः पूजा करके आरती करे उसके पश्चात प्रसाद का वितरण अवश्य करे।

 

 

Vishnu Sahasranamam In Hindi Pdf Download

 

 

 

 

Vishnu Sahasranamam In Hindi Pdf

 

 

 

 

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