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Yugandhar Book Pdf Download



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सिर्फ पढ़ने के लिये
चारा खाते समय शेरू और वीरू आपस में बातें कर रहे थे। शेरू वीरू से बोला – हमारे मालिक ने अपने बच्चो की तरह से हमारा पालन-पोषण किया है हमे मालिक की भलाई के लिए सदैव तैयार रहना होगा। एक दिन शेरू और वीरू को चारा डालते समय सुखिया बोला – खरीफ की बुआई के लिए कमर कसके तैयार रहना।
इसबार मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी क्योंकि रामू के खेत की बुआई भी करनी पड़ेगी। शेरू और वीरू ने इस प्रकार गर्दन हिलाया मानो सुखिया की सारी बात को समझ गए हो। जेठ के महीने में कभी कभार बूंदा बांदी हो जाती है जो किसानो को अगाह कर देती है कि फसल बोने के लिए तैयारी कर लो।
आषाढ़ का महीना आते ही झमाझम बारिस होने के बाद मौसम खुलते ही किसान अपने हल और बैल लेकर खेत में मक्के और बाजरे की बुआई शुरू कर देते है। रामू को देखकर कई विघ्न संतोषी लोग खुश थे और रामू से पूछते थे इसबार तुमने अपना बैल बेचने के बाद दूसरा बैल नहीं खरीदा खरीफ की बुआई कैसे करोगे?
रामू उन लोगो को जवाब देता सब कुछ राम भरोसे है। बारिस के बाद मौसम खुलते ही रामू सुखिया के पास जा पहुंचा। सुखिया अपने बैलो को पहले से ही तैयार कर रखा था। उसने रामू के बैलो को लगाम देते हुए कहा – तुम इनके पीठ पर छड़ी नहीं रखना नहीं तो यह तुम्हारे संभाल में नहीं आएंगे।
समय से आधा घंटा पहले ही इन्हे हमारे पास पहुंचा देना नहीं तो यह दोनों तुम्हारे हल और जुआ को तोड़ते हुए हमारे पास आ जायेंगे यह दोनों समय के बहुत पाबंद है। रामू सुखिया के दोनों बैल अपने घर ले आया। सभी किसान अपने खेतो में मक्के और बाजरे की बुआई कर रहे थे।
रामू ने हल अपने कंधे पर रखा और दोनों बैल लेकर खेत में पहुँच गया। दोनों बैल को जुआ में बांधकर उसके साथ हल को बाँधा फिर खेत की जुताई करने लगा। सुखिया ने अपने दोनों बैल को घुंघरू और छोटी घंटियों का पट्टा पहना रखा था।
दोनों बैल जब कदम ताल करते हुए चलते थे उनके गले के घुंघरू और घंटियों की आवाज से ऐसा लगता था कही पूजा और नृत्य का एक साथ आयोजन हो रहा है। रामू अपने आस-पास के सभी किसानो से पहले ही अपने खेत के कार्य को निपटा लिया और समय से पहले हल और बैल को लेकर घर चला आया।
जबकि कई किसान अपने मरियल दुबले पतले बैलो के साथ अभी भी खेत में कार्य सम्पन्न करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। सुखिया अपनी मंडई में चारपाई पर लेटा हुआ था। घुंघरू और घंटी की आवाज सुनकर मंडई से बाहर निकल आया। सामने रामू शेरू और वीरू के साथ खड़ा था।
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